नई दिल्ली, 10 दिसंबर 2025: भारत के लिए गर्व का क्षण है। दिवाली को आधिकारिक रूप से यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage – ICH) सूची में शामिल कर लिया गया है। इसकी औपचारिक घोषणा आज शाम दिल्ली के लाल किले पर होने वाले भव्य समारोह में की जाएगी।
लाल किले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा समारोह
दिल्ली इन दिनों यूनेस्को की 20वीं अंतर-सरकारी समिति की बैठक की मेजबानी कर रही है, जिसमें दुनिया भर से आए प्रतिनिधि शामिल हैं। लाल किला इस आयोजन का मुख्य केंद्र है, जहाँ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, दीयों की रोशनी और पारंपरिक कलाओं की प्रदर्शनी के साथ एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित होगा।
राजधानी की प्रमुख सरकारी इमारतों को रोशनी से सजाया गया है। सार्वजनिक स्थानों पर दीये जलाए जा रहे हैं और विभिन्न जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं।
दिल्ली सरकार का अलग समारोह
दिल्ली के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि दिल्ली सरकार भी आज शाम 5 बजे दिल्ली हाट में दिवाली समारोह आयोजित करेगी। यहाँ रेखा गुप्ता दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत करेंगी।
सरकार का कहना है कि यह आयोजन दिवाली को भारत की सांस्कृतिक पहचान के रूप में विश्व स्तर पर स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
2024 में भेजा गया था नामांकन
भारत ने दिवाली को यूनेस्को की सूची में शामिल कराने के लिए नामांकन 2024 में भेजा था। अब दिवाली को वही अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल गई है जो पहले से कुंभ मेला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा, योग, वैदिक मंत्रोच्चार और रामलीला को प्राप्त है।
भारत की सांस्कृतिक प्रतिष्ठा में हुई वृद्धि
दिवाली के शामिल होने के बाद यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में भारत की प्रविष्टियों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे वैश्विक मंच पर भारत की सांस्कृतिक उपस्थिति और मजबूत होगी तथा परंपरागत भारतीय त्योहारों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।