वृंदावन:
वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में सोमवार को एक अभूतपूर्व स्थिति देखने को मिली, जब पहली बार ठाकुर बांके बिहारी जी को भोग अर्पित नहीं किया जा सका। इस घटना से न सिर्फ श्रद्धालु हैरान हैं, बल्कि मंदिर के पुजारी वर्ग में भी गहरी नाराजगी देखी जा रही है।
मंदिर प्रशासन से जुड़े पुजारियों का कहना है कि भोग और प्रसाद बनाने की जिम्मेदारी मयंक गुप्ता नामक हलवाई को सौंपी गई है। आरोप है कि हलवाई को समय पर सैलरी का भुगतान नहीं किया गया, जिसके चलते सोमवार को प्रसाद तैयार नहीं हो सका। परिणामस्वरूप ठाकुर जी को भोग अर्पित करने की परंपरा बाधित हो गई।
पुजारियों में रोष, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
पुजारियों ने इसे मंदिर की सदियों पुरानी धार्मिक परंपरा के खिलाफ बताया है। उनका कहना है कि ठाकुर जी की सेवा में किसी भी प्रकार की बाधा आना बेहद गंभीर मामला है और इसकी जिम्मेदारी सीधे मंदिर प्रशासन की बनती है।
एक पुजारी ने कहा,
“आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि ठाकुर जी को भोग न लगा हो। यह लापरवाही नहीं, बल्कि आस्था से खिलवाड़ है।”
श्रद्धालुओं में भी फैली नाराजगी
भोग न लगने की खबर फैलते ही मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं में भी असंतोष और चिंता देखने को मिली। कई भक्तों ने इसे अशुभ संकेत बताते हुए व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।
प्रशासन की सफाई का इंतज़ार
फिलहाल मंदिर प्रशासन की ओर से इस पूरे मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही समाधान निकालने का दावा किया जा रहा है।
बांके बिहारी मंदिर में हुई यह घटना न सिर्फ प्रशासनिक चूक की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि धार्मिक संस्थानों में व्यवस्था और जवाबदेही कितनी मज़बूत है।