नई दिल्ली।
दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट केस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों ने फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग नंबर 17 के कमरा नंबर 4 और 13 से दो संदिग्धों की डायरियां बरामद की हैं, जिनसे आतंकी साजिश का पूरा नेटवर्क सामने आया है। इन डायरियों में ऐसे कई कोड और नाम लिखे हैं, जो दिल्ली समेत चार शहरों में धमाके की साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं।

डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल की डायरी से खुलासा
जांच एजेंसियों ने बताया कि ये डायरियां डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल के कमरों से मिली हैं। इनमें 25 संदिग्ध लोगों के नाम दर्ज हैं, जिनमें से कई जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद के रहने वाले बताए जा रहे हैं। डायरी में “ऑपरेशन” शब्द का बार-बार उल्लेख किया गया है, जो किसी सुनियोजित आतंकी मिशन की ओर संकेत देता है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि डायरी में 8 से 12 नवंबर की तारीखें लिखी गई हैं। इन्हीं तारीखों के बीच 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के पास विस्फोट हुआ था। इससे जांचकर्ताओं को शक है कि ब्लास्ट की साजिश इन्हीं कमरों में रची गई थी।
360 किलो विस्फोटक बरामद
पुलिस ने डॉ. मुजम्मिल के कमरे से 360 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की है। जांच में सामने आया है कि दोनों संदिग्ध न सिर्फ फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े थे, बल्कि दिल्ली और दूसरे राज्यों में भी उनकी मजबूत पकड़ थी।
दो और वाहन थे ब्लास्ट के लिए तैयार
अब जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकियों के पास पहले से i20 और ईको स्पोर्ट कारें थीं, जिनका इस्तेमाल ब्लास्ट की योजना में किया गया था। इसके अलावा वे दो और वाहनों में विस्फोटक लगाने की तैयारी कर रहे थे। एजेंसियों का मानना है कि आतंकियों का लक्ष्य दिल्ली से भी बड़ा हमला करना था।
चार शहरों को निशाने पर रखा गया था
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आतंकी मॉड्यूल ने देश के चार प्रमुख शहरों में धमाकों की योजना बनाई थी। इसके लिए इन्हें जोड़ी में बांटा गया था—हर जोड़ी को एक शहर में जाकर आईईडी धमाका करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
डायरियों में लिखे सीक्रेट कोड
एजेंसियों ने बताया कि दोनों डायरियों में कई ऐसे कोड वर्ड्स हैं, जिनका अर्थ निकालने की कोशिश की जा रही है। माना जा रहा है कि इन्हीं कोड्स में “ऑपरेशन 6 दिसंबर” जैसा कोई मिशन लिखा था, जो बाद में फेल हो गया। बताया जा रहा है कि इस तारीख का संबंध बाबरी मस्जिद विध्वंस दिवस से जोड़ा जा रहा है।
अल फलाह यूनिवर्सिटी पर जांच की आंच
अल फलाह यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में किसी भी आतंकी गतिविधि से संबंध न होने की बात कही है, लेकिन एनआईए और दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने परिसर से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सीसीटीवी फुटेज जब्त किए हैं। अब इनकी तकनीकी जांच जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि विश्वविद्यालय का इस्तेमाल किस हद तक साजिश के अड्डे के रूप में हुआ।
जांच जारी, कई संदिग्धों से पूछताछ
फिलहाल जांच एजेंसियां फरीदाबाद, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में एक साथ छापेमारी कर रही हैं। अब तक कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, ये आतंकी डॉक्टर मॉड्यूल का हिस्सा थे — यानी ऐसे लोग जो शिक्षित और तकनीकी रूप से प्रशिक्षित थे और विस्फोटक बनाने में माहिर थे।
पृष्ठभूमि: अल फलाह यूनिवर्सिटी
अल फलाह यूनिवर्सिटी हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय है। यह संस्था इंजीनियरिंग, मेडिकल, और मैनेजमेंट कोर्स के लिए जानी जाती है। लेकिन अब यह नाम दिल्ली ब्लास्ट जांच में आने के बाद सवालों के घेरे में है।
दिल्ली ब्लास्ट केस अब सिर्फ राजधानी की सुरक्षा का मामला नहीं रहा, बल्कि यह देशभर में सक्रिय स्लीपर सेल नेटवर्क को उजागर करने वाली कड़ी बन गया है। अल फलाह यूनिवर्सिटी के कमरा नंबर 4 और 13 अब जांच एजेंसियों के रडार पर हैं, क्योंकि इन्हीं दीवारों के भीतर से देश को दहलाने की साजिश बुनी गई थी।