भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई ने लोकसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के कारणों पर चर्चा करने के लिए बुधवार को दो दिवसीय मंथन सत्र की शुरुआत की है।
पिछले हफ्ते हुए विधानसभा उपचुनावों में तृणमूल कांग्रेस से तीन सीटों पर हार के बाद भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तारित सत्र का आयोजन किया गया है।
हाल ही में संपन्न आम चुनाव में भाजपा को प्रदेश में 12 सीटें मिलीं, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 18 था।
बैठक के शुरुआती सत्र को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे राज्य में पार्टी की संभावनाओं के संकेतक नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, “यह सच है कि हमारी (लोकसभा) सीट संख्या 18 से घटकर 12 हो गई है। हमें यह पता लगाने की जरूरत है कौन सी चीज काम नहीं कर पाई। हालांकि, ये नतीजे प्रदेश भाजपा की राह बंद नहीं करते। हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए और तृणमूल कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ लड़ना चाहिए।”
राज्य में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर शुभेंदु अधिकारी ने आलोचना का सामना किया है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बैठक में स्पष्ट किया कि “मैं संगठन का कामकाज नहीं देखता। मैं पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष का नेता हूं और ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जहां मैंने पार्टी के खिलाफ टिप्पणी की हो। दूसरी बात यह कि मैं प्रदेश इकाई के संगठनात्मक कार्यों के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं हूं।”
बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी और पार्टी के प्रदर्शन में सुधार के लिए उपायों पर विचार किया जाएगा।
यह मंथन सत्र भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें राज्य में पार्टी की स्थिति और आगामी चुनावों के लिए रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा।