दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ने वाला है। जुलाई से उन्हें बढ़ा हुआ बिजली बिल मिलेगा। हालांकि, राजधानी में कोई नया टैरिफ तो घोषित नहीं हुआ है, परंतु बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) बढ़ा दिया गया है, जिसका सीधा असर बिजली के बल पर पड़ेगा और उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि, इस बढ़ोतरी का असर प्रति माह दो सौ यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। उन्हें पहले की तरह निशुल्क बिजली मिलती रहेगी। माना जा रहा है कि राजधानी में नए टैरिफ की घोषणा जल्द हो जाएगी। बिजली की नई कीमतों में वृद्धि 6.15 से 8.75 फीसद तक हो चुकी है। राजधानी में बिजली वितरण करने वाली कंपनियों की ओर से जानकारी दी गई है कि अब 6.15 से 8.75 फीसद तक प्रति माह पीपीएसी वसूला जाएगा। इसके बाद से दिल्ली के उपभोक्ताओं को 6.15 से 8.75 फीसद तक अधिक बिजली बिल देना होगा। बीएसईएस यमुना पावर (बीवाईपीएल) ने 6.15 फीसद, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल), टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) में 8.75 फीसद पीपीएसी की वृद्धि की गई है।
यह कोई नया प्रावधान नहीं : आतिशी दिल्ली सरकार में बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि डीईआरसी के निर्देश में साफ कहा गया है कि सितंबर तक पीपीएसी चार्ज नहीं बढ़ाए जाएंगे। डिस्काम के पास यह प्रावधान है कि अगर गर्मियों में बिजली की अधिक मांग होती है और खासकर जब उन्हें ज्यादा कीमत पर बिजली खरीदनी पड़ती है, तो उस दौरान वो अल्पावधि आधार पर पीपीएसी में 7.5 फीसद तक की बढ़ोतरी कर सकते हैं। यह कोई नया प्रावधान नहीं है, यह 10 साल से भी ज्यादा समय से है। दिल्ली सरकार की तरफ से बिजली के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं।
भाजपा ने लगाया सांठगांठ का अरोप : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि दिल्ली सरकार के कहने पर बिजली कंपनियां पीपीएसी एवं मीटर भार जैसे चार्ज बढ़ाकर वसूली करती है। सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने गर्मी में अतिरिक्त बिजली खरीदने का कोई इंतजाम नहीं किया।