भारत में बच्चों के बाद बुजुर्गों में भी बढ़ रहे HMPV के मामले, अब अस्थमा से पीड़ित 80 वर्षीय बुजुर्ग संक्रमित

HMPV Virus Cases in India: भारत में एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) वायरस के मामलों में अचानक बढ़ोतरी हो रही है, और अब यह वायरस बच्चों के अलावा बुजुर्गों में भी संक्रमण का कारण बनता दिखाई दे रहा है। हाल ही में अहमदाबाद में 80 वर्ष के बुजुर्ग में इस वायरस की पुष्टि हुई है, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच चिंता बढ़ गई है। इस वायरस से अब तक 12 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, और यह तेजी से फैलता जा रहा है।

भारत में एचएमपीवी वायरस के मामले

भारत में एचएमपीवी वायरस के 12 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, और इन मामलों में सबसे पहले 6 जनवरी, 2025 को बच्चों में एचएमपीवी वायरस का केस सामने आया था। अब बुजुर्गों में भी इस वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है, खासकर उन लोगों में जो पहले से श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा या ब्रोन्काइटिस से ग्रसित होते हैं।

80 साल के बुजुर्ग में HMPV वायरस की रिपोर्ट पॉजिटिव

9 जनवरी 2025 को अहमदाबाद में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग में एचएमपीवी वायरस का संक्रमण पाया गया। यह बुजुर्ग पहले से अस्थमा से पीड़ित थे और उन्हें सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी। उन्हें स्टर्लिंग हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां उनका एचएमपीवी वायरस का टेस्ट किया गया और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, जिससे यह साफ है कि वायरस स्थानीय स्तर पर फैल रहा है। फिलहाल, बुजुर्ग की हालत स्थिर है और उनका इलाज जारी है।

बुजुर्गों में बढ़ रहा एचएमपीवी का खतरा

हालांकि एचएमपीवी के ज्यादातर मामले बच्चों में देखे जा रहे थे, अब बुजुर्गों में भी इसके मामलों में इजाफा हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, वृद्धावस्था में शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता कमजोर होती है, जिससे बुजुर्गों में संक्रमण का जोखिम अधिक होता है। इस वायरस के कारण बुजुर्गों में गंभीर श्वसन समस्याएं, निमोनिया, और अन्य श्वसन संबंधी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।

क्या है HMPV वायरस और इसके लक्षण

एचएमपीवी वायरस एक श्वसन संबंधी वायरस है, जो आमतौर पर सर्दी-खांसी, बुखार, और सांस की तकलीफ पैदा करता है। इसके सामान्य लक्षणों में गले में खराश, नाक बंद होना, सिरदर्द, खांसी, और सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकते हैं। यह वायरस आमतौर पर बच्चों में अधिक पाया जाता है, लेकिन अब बुजुर्गों में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं।

एचएमपीवी वायरस का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के माध्यम से फैल सकता है। इसलिए, विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क पहनना, हाथों की सफाई रखना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।

निवारक उपाय

एचएमपीवी वायरस से बचाव के लिए सर्दी-खांसी और श्वसन संबंधी समस्याओं के सामान्य लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि इस मौसम में श्वसन संबंधित संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बुजुर्गों और बच्चों को खास ध्यान रखने की जरूरत है, क्योंकि इनमें श्वसन तंत्र कमजोर होता है। इन दोनों समूहों के लोगों को भी नियमित रूप से फ्लू वैक्सीनेशन करवाना चाहिए और वायरस के फैलने से बचने के लिए स्वच्छता का पालन करना चाहिए।

निष्कर्ष

भारत में एचएमपीवी वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या चिंता का कारण बन रही है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में इसके प्रभाव के कारण। बुजुर्गों में इस वायरस के प्रसार को देखते हुए, विशेष रूप से अस्थमा और अन्य श्वसन रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती उपायों की सलाह दी जा रही है।