दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में एलजी वीके सक्सेना को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने 15 अगस्त के दिन कैबिनेट मंत्री आतिशी को तिरंगा फहराने की जिम्मेदारी सौंपी है। केजरीवाल, जो कथित शराब घोटाले में फंसे हुए हैं, वर्तमान में जेल में बंद हैं। हालांकि, उन्हें ईडी मामले में अंतरिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन हाई कोर्ट ने सीबीआई मामले में जमानत देने से इनकार करते हुए उन्हें निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने को कहा है।
दिल्ली सरकार में आतिशी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। वह शिक्षा और बिजली सहित 18 विभागों का काम देख रही हैं। हालांकि उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद नहीं मिला है, लेकिन वह मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के बाद उनकी जिम्मेदारियां निभा रही हैं।
15 अगस्त को आतिशी को तिरंगा फहराने का अधिकार दिए जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली सरकार में केजरीवाल के बाद उनका कद सबसे बड़ा है। दिल्ली सरकार में आतिशी के अलावा अन्य मंत्री सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, गोपाल राय और इमरान हुसैन भी हैं।
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद भी उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया और जनता की रायशुमारी का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें जेल से ही सरकार चलाने की सलाह मिली है। भाजपा ने केजरीवाल के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा है कि दिल्ली की प्रशासनिक स्थिति खराब हो रही है।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाते रहेंगे और भाजपा की साजिशों के आगे झुकेंगे नहीं। अब देखना यह है कि एलजी वीके सक्सेना केजरीवाल के पत्र पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, खासकर जब दिल्ली सरकार और राजभवन के बीच कई मुद्दों पर पहले से ही तनाव बना हुआ है।