दिल्ली–एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण ने अब माता-पिता की चिंता को आंदोलन का रूप दे दिया है। ‘वॉरियर मॉम्स’ नाम की महिलाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को पत्र लिखकर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उनके बच्चे लगातार खांस रहे हैं, सांस लेने में दिक्कत हो रही है और खराब हवा के कारण उन्हें स्कूल जाने से भी रोकना पड़ रहा है। माताओं का कहना है कि बच्चों की मासूम ज़िंदगी दूषित हवा की चपेट में है, और सरकार को अब सिर्फ आंकड़ों में सुधार दिखाने के बजाय ज़मीनी कदम उठाने चाहिए।
वॉरियर मॉम्स की सदस्य भावना कंधारी ने बताया कि सुबह के समय जब बच्चे स्कूल बस का इंतजार करते हैं तो हवा इतनी जहरीली होती है कि आंखों में जलन और गले में खराश होने लगती है। उन्होंने कहा कि बच्चे पार्कों में खेल नहीं पा रहे हैं और कई बार उन्हें अस्थमा या एलर्जी जैसी समस्याएं हो रही हैं।
महिलाओं ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री कार्यालय और स्वास्थ्य मंत्रालय से मांग की है कि वायु गुणवत्ता पर तुरंत स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति घोषित की जाए, स्कूलों में एयर क्वालिटी की निगरानी बढ़ाई जाए और डॉक्टरों की टीमों को तैयार रखा जाए।
दिल्ली में फिलहाल एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच चुका है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। डॉक्टरों के मुताबिक इतनी खराब हवा में बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलना बेहद खतरनाक है।
वॉरियर मॉम्स का कहना है कि वे राजनीति नहीं करना चाहतीं, बल्कि अपने बच्चों के लिए साफ हवा का अधिकार मांग रही हैं। उनका कहना है — “अगर सरकार अभी नहीं जागी तो आने वाले समय में हमारे बच्चों की सेहत पर इसका भयानक असर पड़ेगा।”