बिहार की राजनीति में गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब जनता दल (यू) के अध्यक्ष नितीश कुमार ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह उनका रिकॉर्ड 10वां कार्यकाल है। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और एनडीए के कई प्रमुख नेताओं ने शिरकत की।

74 वर्षीय नितीश कुमार ने इस शपथ के साथ न केवल अपना राजनीतिक प्रभुत्व एक बार फिर स्थापित किया, बल्कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने 19 साल लंबे कार्यकाल को और बढ़ाते हुए देश के सबसे लंबे समय तक पद संभालने वाले शीर्ष 10 मुख्यमंत्रियों की सूची में भी जगह बना ली है।
उनके राजनीतिक सफर में बार-बार पाला बदलने के कारण उन्हें ‘पलटू राम’ का नाम भी मिला, जबकि सुशासन पर जोर देने के चलते समर्थक उन्हें ‘सुशासन बाबू’ भी कहते हैं।
समारोह में भाजपा के दिलीप जायसवाल, मंगल पांडेय, संजय सिंह टाइगर, रामा निशाद, अरुण शंकर प्रसाद, राम कृपाल यादव, नितिन नबीन और सुरेंद्र प्रसाद मेहता को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
जदयू से लेसी सिंह, मदन सहनी, सुनील कुमार और मोहम्मद जामा खान ने शपथ ली, जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संतोष सुमन, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के दीपक प्रकाश और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के संजय कुमार सिंह और संजय कुमार ने भी मंत्री पद ग्रहण किया।
सभी को राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण से एक दिन पहले ही नितीश कुमार को एनडीए के 202 विधायकों ने विधानसभा के सेंट्रल हॉल में सर्वसम्मति से नेता चुना था। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री और बिहार के भाजपा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, एलजेपी (RV) प्रमुख चिराग पासवान, आरएलएम अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और हम (S) के संरक्षक जीतन राम मांझी भी मौजूद थे।
इस बीच भाजपा ने अपने विधायक दल के नेता के रूप में सम्राट चौधरी और उपनेता के रूप में विजय कुमार सिन्हा को चुना है।
एनडीए ने हाल के विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 243 सीटों वाली विधानसभा में 202 सीटें हासिल कीं। इनमें भाजपा को 89, जदयू को 85, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को 19, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को 5 और आरएलएम को 4 सीटें मिलीं।