विवाह पंचमी पर अयोध्या में ऐतिहासिक समारोह; 6,970 जवानों की तैनाती, मंदिर परिसर में भव्य आध्यात्मिक कार्यक्रम
अयोध्या। रामनगरी आज एक बार फिर इतिहास का साक्षी बनने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार की सुबह अयोध्या पहुंच चुके हैं, जहाँ वह राम मंदिर के मुख्य शिखर पर विशेष रूप से तैयार किया गया 10×20 फीट का तिकोना भगवा ध्वज फहराएँगे। यह ध्वजारोहण केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि नव-निर्मित राम मंदिर के पूर्ण होने का प्रतीक माना जा रहा है। इस आयोजन को विवाह पंचमी—भगवान राम और माता सीता के दिव्य मिलन की तिथि—पर आयोजित किया जाना इसे और अधिक शुभ तथा आध्यात्मिक महत्व प्रदान करता है।
ध्वज की विशेषताएँ: ‘ॐ’, कोविदारा वृक्ष और तेजस्वी सूर्य
प्रधानमंत्री द्वारा फहराए जाने वाले इस विशेष ध्वज को पारंपरिक शास्त्रों और रामायण के प्रतीकों के आधार पर डिज़ाइन किया गया है।
ध्वज में—
- तेजस्वी सूर्य का चित्र भगवान राम की शक्ति और प्रकाश का प्रतीक है,
- ॐ का चिह्न दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा दर्शाता है,
- कोविदारा वृक्ष पवित्रता, तप, धैर्य और मर्यादा का प्रतिनिधि माना जाता है।
PMO के अनुसार, यह ध्वज राम राज्य की गरिमा, सांस्कृतिक निरंतरता और धार्मिक एकता का संदेश भी देगा।
मंदिर की वास्तुकला—दो सांस्कृतिक परंपराओं का संगम
राम मंदिर का शिखर उत्तर भारतीय नागर आर्किटेक्चर में बनाया गया है।
वहीं मंदिर का 800 मीटर लंबा परकोटा दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित है।
इन दोनों शैलियों का मेल मंदिर को भारतीय वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण बनाता है।
मंदिर की दीवारों पर—
- वाल्मीकि रामायण के 87 प्रसंग पत्थरों पर उकेरे गए हैं,
- 79 कांस्य ढालें भारतीय संस्कृति से जुड़े प्रतीकों को दर्शाती हैं,
जो मंदिर परिसर को एक जीवंत आध्यात्मिक अनुभव केंद्र में बदल देती हैं।
PM का दर्शन कार्यक्रम — सप्तमंदिर से गर्भगृह तक
प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे में कई पवित्र स्थलों के दर्शन भी करेंगे।
इनमें शामिल हैं—
- सप्तमंदिर,
- माता अन्नपूर्णा मंदिर,
- शेषावतार मंदिर,
- अन्य प्रमुख आध्यात्मिक स्थल।
सप्तमंदिर से जुड़ी वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी की परंपराएँ इसे अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री रामलला गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना करेंगे, जिसे मंदिर का सर्वाधिक दिव्य और पवित्र स्थल माना जाता है।
अभूतपूर्व सुरक्षा—अयोध्या में किलेबंदी
प्रधानमंत्री के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को देखते हुए अयोध्या में अति-उच्च सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
कुल 6,970 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, जिनमें शामिल हैं—
- NSG स्नाइपर्स
- ATS कमांडो
- एंटी-ड्रोन यूनिट
- साइबर निगरानी टीमें
- एडवांस मॉनिटरिंग सिस्टम
पूरी रामनगरी को हाई-सिक्योरिटी ज़ोन में बदल दिया गया है, और हर एंट्री प्वाइंट पर मल्टी-लेयर चेकिंग लगाई गई है।
भीड़ प्रबंधन के लिए—
- बम स्क्वॉड
- डॉग स्क्वॉड
- फायर यूनिट
- रैपिड रिस्पॉन्स टीम
- VVIP प्रोटेक्शन कमांड
लगातार सक्रिय हैं।
वरिष्ठ अधिकारी पूरे शहर में ग्राउंड मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
विवाह पंचमी और गुरु तेग बहादुर का जुड़ाव
ध्वजारोहण इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह विवाह पंचमी पर हो रहा है। यह दिन भगवान राम और माता सीता के पावन मिलन का दिन माना जाता है।
इसी तिथि का जुड़ाव गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस से भी है। ऐतिहासिक वर्णनों में मिलता है कि उन्होंने अयोध्या में 48 घंटे ध्यान किया था, जिससे यह दिन और भी आध्यात्मिक महत्व रखता है।
आध्यात्मिक पुनर्जागरण का प्रतीक
राम मंदिर का निर्माण और शिखर पर ध्वजारोहण भारतीय आध्यात्मिकता, सांस्कृतिक विरासत और करोड़ों रामभक्तों की भावनाओं का केंद्र बन गया है। आज का दिन न केवल अयोध्या बल्कि पूरे देश और विश्वभर में फैले भारतीय समुदाय के लिए ऐतिहासिक, भावनात्मक और गौरवपूर्ण क्षण है।