दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचेन, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी, डिजास्टर मैनेजमेंट और क्लीन एवं ग्रीन एनर्जी जैसे नए कोर्स शुरू किए हैं। इन कोर्सों में छात्रों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का विकल्प मिलेगा।
नए यूजी कोर्सेस की शुरुआत
DTU में अब छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी, डिजास्टर मैनेजमेंट और क्लीन एवं ग्रीन एनर्जी की पढ़ाई का मौका मिलेगा। इन कोर्सों की घोषणा करते हुए DTU के वाइस चांसलर प्रो. प्रतीक शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ये कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप डिजाइन किए गए हैं।
एम. टेक रिसर्च कोर्स में प्रवेश
DTU ने फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमैटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और इकोनॉमिक्स में 5 वर्षीय बीएससी और एमएससी के इंटीग्रेटेड कोर्स और 2 वर्षीय एम.टेक बाई रिसर्च कोर्स की भी शुरुआत की है। एम.टेक बाई रिसर्च कोर्स में प्रवेश GATE परीक्षा के स्कोर के आधार पर होगा। इसमें 2/3 भाग रिसर्च वर्क और 1/3 भाग कोर्स वर्क होगा।
नए कोर्सेस की पढ़ाई और सिलेबस
प्रो. प्रतीक शर्मा ने बताया कि नए कोर्सों का सिलेबस NEP 2020 और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है। इन कोर्सों की पढ़ाई वर्तमान फैकल्टी ही कराएगी, और आवश्यकता पड़ने पर नई फैकल्टी की भर्ती की जाएगी। विश्वविद्यालय ने अपने पूर्व छात्रों से भी संपर्क किया है ताकि अन्य स्थानों पर भी नए संस्थान स्थापित किए जा सकें।
नए रिसर्च सेंटर
DTU ने UG और PG के लिए नए कोर्सेस लॉन्च करने के साथ-साथ पांच नए रिसर्च सेंटर भी स्थापित किए हैं। इनमें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन एनर्जी ट्रांजीशन, सेंटर ऑफ एग्जीक्यूटिव एजुकेशन, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर यूज ऑफ ड्रोन टेक्नोलॉजी, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन डिजास्टर रिस्क रिडक्शन और सेंटर फॉर कम्यूनिटी डेवलपमेंट एंड रिसर्च शामिल हैं।
इन कोर्सों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये मल्टीपल एंट्री-एग्जिट सिस्टम पर आधारित होंगे। इस सिस्टम से छात्र अपने करियर के दौरान कभी भी अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर सकते हैं, जिससे उन्हें जीवनभर नया सीखने का मौका मिलेगा।