मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी दूसरी पारी में आसानी से बहुमत हासिल कर लिया. श्री सोरेन को 45 विधायकों का साथ मिला. वहीं, विपक्षी एनडीए विधायकों ने वोटिंग का वॉक आउट किया और शून्य वोट गिने गये. झामुमो के बागी विधायक लोबिन हेंब्रम और चमरा लिंडा ने भी सरकार के पक्ष में वोट किया. भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए मांडू विधायक जेपी पटेल सदन में नहीं पहुंचे. निर्दलीय विधायक अमित यादव एनडीए के साथ गये. जबकि सरयू राय तटस्थ रहे. सदन में कुल 73 विधायक मौजूद थे. एक मनोनीत विधायक ग्लेन जोसेफ गॉलस्टन का वोट भी सरकार को मिला. इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विश्वास मत हासिल करते ही कैबिनेट का विस्तार भी हो गया. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने हेमंत सरकार की पूरी टीम यानि 11 मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलायी. राजभवन में 3.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ. पांच माह तक मुख्यमंत्री रहे चंपाई सोरेन हेमंत सरकार में फिर से मंत्री बने हैं. वहीं तीन नये चेहरे बैद्यनाथ राम, दीपिका पांडेय सिंह और डॉ इरफान अंसारी को कैबिनेट में जगह मिली है. कांग्रेस विधायक व कृषि मंत्री रहे बादल पत्रलेख को हटा दिया गया है. चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री रहे और सीएम हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को भी इस बार कैबिनेट में जगह नहीं मिली है.
इस बार पूरी कैबिनेट पहले 11 मंत्रियों से चलाया जा रहा था काम
साढ़े नौ साल के बाद राज्य में कैबिनेट मंत्री के सभी पद भरे गये. राज्य में मुख्यमंत्री सहित 12 मंत्रियों को पद हैं. इससे पहले वर्ष 2014 में हेमंत सोरेन के 14 माह के मुख्यमंत्री काल में कैबिनेट में पूरे 11 मंत्री थे. इसके बाद वर्ष 2014 से 2019 तक रघुवर दास का पूरा कार्यकाल 11 मंत्रियों के सहारे ही चला. 2019 में हेमंत सोरेन की सरकार बनी. इंडिया गठबंधन की सरकार में साढ़े चार वर्ष 11 मंत्रियों से ही काम चलाया गया. कुल साढ़े नौ वर्षों तक राज्य में पूरी कैबिनेट नहीं बनी थी. हेमंत सोरेन ने दूसरी पारी में 11 मंत्री के पद भरे.