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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि पाकिस्तान लगातार परमाणु परीक्षण कर रहा है। ट्रंप ने यह भी बताया कि उत्तर कोरिया सहित कुछ अन्य देश भी न्यूक्लियर टेस्ट कर रहे हैं। उनके इस बयान ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है, क्योंकि पाकिस्तान ने 1998 के बाद से कोई आधिकारिक परमाणु परीक्षण नहीं किया है।
इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और विशेषज्ञों के बीच नई बहस शुरू हो गई है। पाकिस्तान की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं अंतरराष्ट्रीय परमाणु निगरानी एजेंसी सीटीबीटीओ का कहना है कि उसके वैश्विक सेंसर नेटवर्क ने अब तक किसी नए परमाणु विस्फोट का संकेत दर्ज नहीं किया है। एजेंसी का कहना है कि दक्षिण एशिया में किसी बड़े भूकंपीय झटके का पता नहीं चला है, जो किसी परीक्षण का सबूत माना जा सके।
भारत के रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ट्रंप का दावा सही है तो यह दक्षिण एशिया में परमाणु संतुलन को बिगाड़ सकता है। उनका मानना है कि भारत को फिलहाल संयम बरतते हुए इस दावे की सच्चाई की जांच करवानी चाहिए। भारत को संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय निगरानी एजेंसियों के साथ मिलकर तथ्यों की पुष्टि करनी चाहिए ताकि बिना प्रमाण किसी बड़े कदम से बचा जा सके।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका की राजनीति में विदेश नीति एक बड़ा मुद्दा बनी हुई है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है, जिससे ट्रंप अपनी विदेश नीति को सख्त और निर्णायक दिखाना चाहते हैं।
फिलहाल अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस दावे की सच्चाई को परखने में जुटा है। भारत और अन्य देश इस पर बारीकी से नज़र रखे हुए हैं क्योंकि अगर पाकिस्तान ने वाकई परमाणु परीक्षण किया है तो यह पूरे एशिया क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है।