पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर राजनीति गर्मा गई है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया से अब तक लगभग 40 लोगों की मौत हो चुकी है और चुनाव आयोग (ECI) ने “अमानवीय दबाव” डालकर BLOs और नागरिकों को भारी तनाव में काम करने पर मजबूर किया। TMC नेताओं ने तो यहां तक कहा कि “CEC के हाथ खून से सने हैं।” वहीं, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को “राजनीतिक और आधारहीन” बताते हुए स्पष्ट किया कि SIR सिर्फ वोटर लिस्ट को शुद्ध करने की एक नियमित संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसमें अभी किसी नाम को अंतिम रूप से हटाया नहीं गया है। आयोग ने TMC पर BLOs को प्रभावित करने और डराने का भी आरोप लगाया। इस विवाद के बीच SIR की विश्वसनीयता, संभावित मतदाता-कटौती, और आगामी चुनावी माहौल पर इसका असर — बंगाल की राजनीति का नया केंद्र बन गया है।