महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अदालत ने राज्य चुनाव आयोग (SEC) को निर्देश दिया है कि निकाय चुनावों के परिणाम 3 दिसंबर की बजाय अब **21 दिसंबर** को घोषित किए जाएँ। कोर्ट ने कहा कि जिन स्थानों पर कानूनी विवादों के कारण चुनाव रोके या स्थगित किए गए थे, वहां **20 दिसंबर को पुनः मतदान** होगा। इसलिए पूरे राज्य के लिए एक ही दिन, 21 दिसंबर को नतीजे जारी करना उचित होगा।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अलग-अलग समय पर नतीजों की घोषणा से उन क्षेत्रों में मतदान के रुझानों पर असर पड़ सकता है जहां अभी मतदान होना बाकी है। इससे चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित होने की आशंका जताई गई। इसी वजह से हाईकोर्ट ने सभी निकायों के नतीजे एक साथ घोषित करने का आदेश दिया।
राज्य में कुल **288 स्थानीय निकायों** के चुनाव घोषित हुए थे, जिनमें से अधिकांश में मतदान पूरा हो चुका है। हालांकि कुछ नगर परिषदों और नगर पंचायतों में नामांकन, प्रतीक आवंटन और अन्य प्रक्रियाओं पर आपत्तियों के कारण चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। कोर्ट ने इन क्षेत्रों में पहले से आवंटित चुनाव चिन्ह को बरकरार रखने का भी निर्देश दिया, ताकि उम्मीदवारों को असमंजस की स्थिति का सामना न करना पड़े।
इस फैसले के बाद राजनीतिक दलों के लिए चुनावी समीकरण और भी दिलचस्प हो गए हैं। कई जिलों में गठबंधन बदलने और पुराने रिश्तों के टूटने से मुकाबला बेहद करीबी हो गया है। अब सभी दल और उम्मीदवार 21 दिसंबर का इंतजार कर रहे हैं, जब राज्यभर में एक साथ नतीजे सामने आएंगे और यह तय होगा कि स्थानीय सत्ता की बागडोर किनके हाथ में जाएगी।