चंडीगढ़ | 4 दिसंबर 2025 — रणवीर सिंह स्टारर आगामी फिल्म ‘धुरंधर’ रिलीज़ से पहले ही विवादों में घिर गई है। मेजर मोहित शर्मा के परिवार ने आरोप लगाया है कि फिल्म की कहानी उनके बेटे पर आधारित है, लेकिन निर्माताओं ने इसकी अनुमति नहीं ली और न ही उन्हें क्रेडिट दिया गया।
फिल्मकार आदित्य धर का कहना है कि ‘धुरंधर’ एक काल्पनिक कहानी है और किसी वास्तविक व्यक्ति पर आधारित नहीं है। इसी बीच, सेंसर बोर्ड ने 2 दिसंबर को फिल्म को मंजूरी दे दी है।
कौन थे मेजर मोहित शर्मा?
मेजर मोहित शर्मा भारतीय सेना के स्पेशल फोर्सेज (SF) अधिकारी थे। 2009 में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों से मुकाबले के दौरान वे शहीद हुए। उनके अदम्य साहस के लिए उन्हें अशोक चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया—जो शांति काल का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है।
- जन्म: 1978, रोहतक
- सेना में प्रवेश: 1995 में NDA जॉइन किया, 1999 में IMA से पासआउट
- पहली तैनाती: 5 मद्रास रेजिमेंट
- स्पेशल फोर्सेज में शामिल: 1 पैराशूट (स्पेशल फोर्सेज)
2004 में उन्होंने हिजबुल मुजाहिदीन में सफलतापूर्वक घुसपैठ कर दो आतंकियों को मार गिराया, जिसके लिए उन्हें सेना मेडल मिला।
मेजर के परिवार की आपत्तियाँ क्या हैं?
परिवार का आरोप है कि ‘धुरंधर’ में रणवीर सिंह का किरदार मेजर मोहित शर्मा से मिलता-जुलता है—
- किरदार एक आतंकी नेटवर्क में घुसपैठ करता है
- पाकिस्तान में जाकर ऑपरेशन को अंजाम देता है
परिवार का कहना है कि यह कहानी मेजर शर्मा की वास्तविक ऑपरेशन्स से प्रेरित लगती है, लेकिन फिल्म निर्माताओं ने न तो अनुमति ली और न ही परिवार को निजी स्क्रीनिंग का अवसर दिया।
फिल्म के अन्य किरदारों पर भी उठे सवाल
सोशल मीडिया पर चर्चा है कि फिल्म के कई अन्य पात्र भी वास्तविक लोगों पर आधारित हैं, जैसे—
- संजय दत्त का किरदार: कथित तौर पर कराची पुलिस के ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ चौधरी आसलम खान स्वाती से प्रेरित
- अक्षय खन्ना का किरदार: अब्दुल रहमान बलोच, कराची के कुख्यात अपराधी पर आधारित बताया जा रहा है
- एक अन्य किरदार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलता-जुलता बताया गया
फिल्म टीम ने इन दावों का भी खंडन किया है।
कोर्ट में क्या हुआ?
1 दिसंबर को याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में सुनी गई।
परिवार ने कहा कि फिल्म को इस तरह प्रमोट किया जा रहा है कि यह मेजर मोहित शर्मा के जीवन पर आधारित है, जबकि परिवार से कोई अनुमति नहीं ली गई।
फिल्म के निर्देशक, लेखक और सह–निर्माताओं ने कोर्ट में कहा कि फिल्म पूरी तरह काल्पनिक है और किसी वास्तविक व्यक्ति से इसका संबंध नहीं है।
कोर्ट ने याचिका निपटाते हुए सेंसर बोर्ड को निर्देश दिए:
- फिल्म को सर्टिफिकेशन देते समय परिवार की चिंताओं पर विचार किया जाए।
- ज़रूरत पड़ने पर भारतीय सेना से भी सलाह ली जाए।