भोजपुरी स्टार और भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने खेसारी लाल यादव और सम्राट चौधरी के बीच चल रही जुबानी जंग पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई उन्हें “नचनिया” कहे तो उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वे गर्व से कलाकार हैं। मनोज तिवारी ने साफ कहा – “हां, मैं भी नचनिया हूं, नाचता हूं, गाता हूं, फिल्मों में काम करता हूं, इसमें शर्म की क्या बात है?”
विवाद की पृष्ठभूमि
हाल के दिनों में खेसारी लाल यादव और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बीच “नचनिया” शब्द को लेकर विवाद बढ़ गया था। खेसारी ने कहा था कि कलाकारों को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है। वहीं, अब मनोज तिवारी ने इस बहस में उतरते हुए कहा कि कलाकार होना कोई अपमान नहीं, बल्कि यह तो सम्मान की बात है।
मनोज तिवारी का बयान
मनोज तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा –
“अगर सम्राट चौधरी ने कहा कि उन्होंने ऐसा शब्द नहीं बोला, तो बात वहीं खत्म हो जानी चाहिए। और अगर कहा भी गया हो, तो इसमें गलत क्या है? मैं भी नचनिया हूं। हम सब कलाकार हैं, नाचते-गाते हैं, लोगों का मनोरंजन करते हैं, यही तो हमारी पहचान है।”
उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति और कला को अलग-अलग रखना चाहिए, क्योंकि चुनाव खत्म हो जाएंगे लेकिन कलाकारों के रिश्ते बने रहेंगे।
भोजपुरी कलाकारों से अपील
मनोज तिवारी ने भोजपुरी इंडस्ट्री के सभी कलाकारों से अपील की कि एक-दूसरे की इज्जत करें। उन्होंने कहा कि “हम सब भोजपुरी के चेहरे हैं, अगर हम आपस में ही विवाद करेंगे तो इसका बुरा असर हमारी इंडस्ट्री पर पड़ेगा।”
चुनावी माहौल और राजनीति का रंग
यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार विधानसभा उपचुनावों में भोजपुरी कलाकारों की सक्रियता बढ़ी है। कई स्टार प्रचार में जुटे हैं और मंच से एक-दूसरे पर तंज कस रहे हैं। मनोज तिवारी के इस बयान को राजनीतिक गर्मी के बीच “संयम और सम्मान” का संदेश माना जा रहा है।
क्यों बना यह बयान चर्चा का विषय
“नचनिया” शब्द आमतौर पर तंज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन मनोज तिवारी ने इसे गर्व से स्वीकार कर एक नई मिसाल पेश की है। उन्होंने यह दिखाया कि कलाकार होने में कोई शर्म नहीं, बल्कि यह लोगों को खुशी देने का काम है।
मनोज तिवारी का यह बयान न सिर्फ भोजपुरी सिनेमा की गरिमा को दर्शाता है, बल्कि इस बात की भी याद दिलाता है कि राजनीति से ऊपर कला और कलाकारों का सम्मान होना चाहिए।