नई दिल्ली में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आगमन के साथ Hyderabad House एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का प्रमुख केंद्र बन गया है। कभी हैदराबाद के अंतिम निज़ाम मीर उस्मान अली ख़ान का शाही निवास रहा यह ऐतिहासिक महल 1920 के दशक में ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस द्वारा “तितली आकार” की अनोखी डिज़ाइन पर बनाया गया था। लगभग 8 एकड़ में फैले इस महल की वास्तुकला में इंडो-सारसेनिक और यूरोपीय स्टाइल का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है—जिसमें भव्य गुंबद, संगमरमर की सीढ़ियाँ, विशाल आंगन और मेहराबदार गलियारे इसकी पहचान हैं। आज़ादी के बाद यह भवन धीरे-धीरे सरकारी नियंत्रण में आया और 1974 में इसे विदेश मंत्रालय के राजनयिक आयोजनों के लिए आधिकारिक रूप से समर्पित किया गया। वर्षों से यह महल प्रमुख अंतरराष्ट्रीय नेताओं और प्रतिनिधिमंडलों की मेजबानी करता रहा है, और इसी परंपरा को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की अहम वार्ताएँ यहीं आयोजित हुईं। बैठक में रक्षा सहयोग, ऊर्जा साझेदारी, व्यापार विस्तार और वैश्विक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। पुतिन के स्वागत के साथ Hyderabad House ने एक बार फिर साबित किया कि यह स्थान भारत की ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक कूटनीति का सबसे प्रतिष्ठित संगम है।
