नई दिल्ली — भारत में इंडिगो एयरलाइन की लगातार उड़ानों में रद्दीकरण और देरी के बाद जब कई सांसद अपनी यात्रा प्रभावित होने की शिकायत कर रहे थे, तो राज्यसभा में TMC नेता Derek O’Brien ने यह बातचीत हवा में पखवाड़ेभर की परेशानी बताया। उन्होंने सांसदों द्वारा जताई गई असुविधा को “बहुत छोटी तकलीफ” कहा और कहा कि इस दर्द का स्तर उस दर्द से नहीं मिल
सकता, जो बंगाल के लगभग 59 लाख MGNREGA मजदूरों को हो रहा है — जिन्हें पिछले तीन साल से उनके वेतन की उम्मीद है, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ।
Derek O’Brien के अनुसार, सांसदों को उड़ानों के रद्द होने के कारण ‛कुछ असुविधा’ हो सकती है, लेकिन यह असुविधा “उन मजदूरों की पीड़ा के सामने नगण्य” है, जो लगातार काम कर रहे हैं, फिर भी अपने हक से वंचित हैं।
इस बयान के साथ TMC ने संसद परिसर में तीसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रखा और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि राजनीतिक कारणों से पश्चिम बंगाल को मनरेगा फंड रोका गया है। पार्टी ने मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि सरकार बंगाल को आर्थिक रूप से “भूखा” रही है।
पिछले दो–तीन दिनों में इंडिगो एयरलाइन की स्थिति काफी बिगड़ी है — 400 से अधिक उड़ानें रद्द हुई हैं, हजारों यात्री—including सांसद—फंसे रहे। एयरलाइन्स और नियामक के बीच आरोप‑प्रत्यारोप जारी है।
लेकिन Derek O’Brien का कहना है कि इन असुविधाओं की तुलना उन 59 लाख मजदूरों की स्थायी, दिन‑रात की आर्थिक मुश्किलों से नहीं की जा सकती। उन्होंने किसान और मजदूर वर्ग की समस्याओं पर सरकार का ध्यान लौटाने की मांग की है।
इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल उठा दिया है कि संसद और मीडिया किसे प्राथमिकता दें: संसद सदस्यों की असुविधा या देशभर के मेहनतकश नागरिकों की रोज़मर्रा की चुनौतियों को।