शेयर में तगड़ी गिरावट, निवेशकों को तगड़ा झटका
IndiGo की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन पिछले एक हफ्ते से लगातार गिरावट का सामना कर रही है। सिर्फ 7 कारोबारी दिनों में कंपनी का बाज़ार मूल्य करीब ₹38,000 करोड़ कम हो गया है। शेयर में 15–16% तक की बड़ी गिरावट आई है, जिससे निवेशकों के बीच डर और अनिश्चितता बढ़ गई है। कई रिटेल निवेशकों ने सोशल मीडिया पर नुकसान की शिकायत भी की है।
संकट की वजह: उड़ानें रद्द, पायलट-क्रू की कमी और नियामकीय दबाव
IndiGo की परेशानी अचानक नहीं बढ़ी, बल्कि पिछले कुछ दिनों से कई operational दिक्कतें लगातार सामने आ रही थीं।
- पायलट और क्रू की गंभीर कमी
- नए FDTL (कार्य समय) नियमों के चलते शेड्यूल बिगड़ना
- कई महत्वपूर्ण उड़ानों का रद्द होना
- DGCA की कड़ी निगरानी और नोटिस
इन सभी कारणों ने कंपनी की छवि और निवेशक भरोसे पर बड़ा असर डाला है।
यात्रियों की परेशानी भी बढ़ी, रिफंड में कंपनी पर बोझ
हजारों यात्रियों को उड़ानें रद्द होने के चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रिफंड और मुआवज़ा देने के कारण IndiGo पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है। यात्रा के चरम सीज़न में ऐसी स्थिति ने कंपनी के राजस्व पर भी दबाव डाला है।
क्या कंपनी संभल पाएगी? विश्लेषकों में मतभेद
बाजार विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है—
- कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी, और recovery संभव है।
- वहीं दूसरी ओर, कई ब्रोकरेजों ने चेतावनी दी है कि संकट गहरा है और शेयर में अभी और गिरावट आ सकती है।
कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कंपनी तब तक पटरी पर नहीं लौटेगी जब तक उड़ानों का संचालन सामान्य नहीं होता और क्रू प्रबंधन सुलझ नहीं जाता।
निवेशकों के लिए बड़ा सवाल—अब क्या करें?
गिरावट के बाद निवेशक दो तरफ खड़े हैं—
- लॉन्ग-टर्म निवेशक इसे अच्छी कंपनी में “डिप पर मौका” मान रहे हैं।
- शॉर्ट-टर्म निवेशक पैसा फंसने के डर से नुकसान‐कट (stop loss) लगाने पर विचार कर रहे हैं।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि यदि आप लंबी अवधि के निवेशक हैं और जोखिम उठा सकते हैं, तो घबराकर फैसला न लें। लेकिन जिनके लिए जोखिम कम प्राथमिकता है, वे सावधानी बरतें और कंपनी के परिचालन सामान्य होने का इंतजार करें।
सरकार और DGCA की सख्ती—स्थिति कब सुधरेगी?
सूत्रों के मुताबिक सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और एयरलाइन को संचालन दुरुस्त करने के लिए समयसीमा देने पर विचार कर रही है। DGCA ने एयरलाइन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और जल्द सुधार नहीं होने पर कार्रवाई का संकेत दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति में सुधार आने में कम से कम कुछ हफ्ते लग सकते हैं।