देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का परिचालन संकट मंगलवार को आठवें दिन भी थमने का नाम नहीं ले रहा। फ्लाइट कैंसिलेशन और देरी की वजह से यात्रियों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। वहीं अब यह मामला संसद से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुँच गया है। PM मोदी ने संकट पर महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि “नियम-कानून बनाने का मकसद सिस्टम को बेहतर करना है, न कि आम नागरिकों को परेशानी में डालना।”
PM मोदी का बयान: “नियमों का मकसद सुधार, न कि नागरिकों पर बोझ”
इंडिगो संकट पर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि aviation सेक्टर के नियम और सिस्टम को ऐसी दिशा में सुधारा जाना चाहिए कि यात्रियों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
PM का यह बयान संकेत देता है कि सरकार इस संकट को हल्के में नहीं ले रही और जल्द बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
सरकार एक्शन मोड में: बड़े अधिकारी मैदान में उतरेंगे
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने इंडिगो की लगातार हो रही गड़बड़ियों को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है।
- मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर और जॉइंट सेक्रेटरी को निर्देश दिया गया है कि वे देश के प्रमुख एयरपोर्ट्स पर जाकर जमीनी हालात का निरीक्षण करें।
- जिन एयरपोर्ट्स पर यह निरीक्षण होगा उनमें मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, गुवाहाटी, गोवा और तिरुवनंतपुरम शामिल हैं।
सरकार चाहती है कि वास्तविक स्थिति को समझकर सही कदम जल्द उठाए जाएँ।
IndiGo पर DGCA की कड़ी कार्रवाई — 5% रूट कटौती का आदेश
एविएशन रेगुलेटर DGCA ने कड़ा रुख अपनाते हुए इंडिगो को अपने सभी सेक्टरों में 5% फ्लाइट कट करने का आदेश दिया है।
इसे 10 दिसंबर शाम 5 बजे तक नया शेड्यूल जमा कराना होगा।
DGCA का कहना है कि एयरलाइन अपने शेड्यूल को “विश्वसनीय तरीके से चलाने में विफल रही है।”
सूत्रों के अनुसार, हालात नहीं सुधरे तो —
➡️ अतिरिक्त 5% कटौती भी की जा सकती है।
इंडिगो की ‘मोनोपॉली’ भी संकट की वजह? 60% रूट पर अकेली खिलाड़ी
संकट की एक बड़ी जड़ IndiGo का व्यापक प्रभुत्व भी माना जा रहा है।
- देश में उड़ने वाले हर 10 में से 6 यात्री इंडिगो से यात्रा करते हैं।
- भारत के लगभग 1,200 घरेलू रूट्स में से 950 पर इंडिगो उड़ती है।
- इनमें से 600 रूट (60% से ज्यादा) ऐसे हैं जहाँ सिर्फ इंडिगो उड़ान भरती है — यानी पूरी तरह monopoly।
विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर एक एयरलाइन के ठप होने से पूरा देश प्रभावित होता है।
फ्लाइट कैंसिलेशन का हाल — 3 से 9 दिसंबर तक “कहाँ कितनी अफरा-तफरी”
3 दिसंबर: 200 फ्लाइट्स
4 दिसंबर: 550 फ्लाइट्स
5 दिसंबर: 1,600 फ्लाइट्स (सबसे ज्यादा; दिल्ली से सभी डिपार्चर रद्द)
6 दिसंबर: 800 फ्लाइट्स
7 दिसंबर: 650 फ्लाइट्स
8 दिसंबर: 562 फ्लाइट्स
9 दिसंबर:
- दिल्ली: 152 फ्लाइट्स
- बेंगलुरु: 121 फ्लाइट्स
- हैदराबाद: 58 फ्लाइट्स
- अहमदाबाद: 23 फ्लाइट्स
आठवें दिन भी स्थिति सामान्य नहीं हो सकी है।
संकट संसद तक पहुँचा — आज देंगे मंत्री जवाब
संकट के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू आज लोकसभा में विस्तृत बयान देंगे।
उन्होंने पहले ही बताया है कि समस्या तकनीकी खामी नहीं, बल्कि इंडिगो की क्रू रोस्टरिंग और ऑपरेशनल प्लानिंग की वजह से पैदा हुई है।
Delhi High Court भी करेगा सुनवाई
यात्रियों की परेशानी को देखते हुए मामला दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया है।
10 दिसंबर को कोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें यात्रियों की सुविधाओं, रिफंड और एयरलाइन की जवाबदेही को लेकर दिशा-निर्देश मांगे गए हैं।
आज MoCA की बड़ी बैठक
दिल्ली के राजीव गांधी भवन में आज MoCA की एक अहम बैठक बुलाई गई है जिसमें:
- इंडिगो की ऑपरेशन बहाली
- यात्रियों की सेवा सुधार
- रिफंड प्रक्रिया
- भविष्य में संकट से बचने के उपाय
पर चर्चा होने वाली है।
निष्कर्ष: संकट गहरा है, पर सरकार का हस्तक्षेप तेज
इंडिगो का परिचालन सुधरने में अभी कुछ और दिन लग सकते हैं लेकिन सरकार, DGCA और मंत्रालय की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि स्थिति जल्द नियंत्रित हो पाएगी।
यात्रियों की परेशानी अब राष्ट्रीय मुद्दा बन चुकी है और सरकार इसे सिस्टम में बड़े सुधार के अवसर के रूप में देख रही है