बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल तक निर्वासन में रहने के बाद गुरुवार 25 दिसंबर को बांग्लादेश लौट आए। लंदन से लौटने के बाद जैसे ही वे ढाका पहुंचे, हजारों की संख्या में मौजूद समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। देश वापसी के बाद अपने पहले संबोधन में तारिक रहमान ने शांति, एकता और संयम बनाए रखने की अपील की।

अपने भाषण में तारिक रहमान ने कहा कि बांग्लादेश सभी धर्मों और समुदायों का देश है। उन्होंने एक समावेशी बांग्लादेश बनाने की बात कही, जहां हर धर्म के लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों से बांग्लादेश में हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं और अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाए जाने के आरोप भी लगे हैं। ऐसे माहौल में तारिक रहमान का यह संदेश देश में शांति बहाल करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
तारिक रहमान ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि देश के सभी लोग मिलकर बांग्लादेश के निर्माण में योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह देश पहाड़ों और मैदानों में रहने वाले लोगों का है, मुसलमानों, हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों सभी का है। उनका लक्ष्य एक ऐसा सुरक्षित बांग्लादेश बनाना है, जहां हर महिला, पुरुष और बच्चा घर से बाहर निकलकर सुरक्षित वापस लौट सके। उन्होंने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की।
अपने संबोधन में तारिक रहमान ने देश के लिए अपना विजन भी साझा किया। उन्होंने कहा कि उनके पास बांग्लादेश के विकास और जनता के कल्याण के लिए एक स्पष्ट योजना है। इस योजना का उद्देश्य देश की दिशा और भविष्य को बदलना है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्हें देश के सभी लोगों के सहयोग की जरूरत होगी।
तारिक रहमान बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे हैं और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के प्रमुख नेताओं में शामिल हैं। खालिदा जिया, अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की लंबे समय तक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रही हैं। तारिक रहमान पर अतीत में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और राजनीतिक हिंसा से जुड़े कई आरोप लगे थे।
साल 2006 से 2009 के बीच बांग्लादेश में सैन्य समर्थित केयरटेकर सरकार के दौरान इन मामलों की जांच शुरू हुई थी। मार्च 2007 में उन्हें ढाका स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। कुछ महीनों बाद जमानत मिलने पर वे इलाज के लिए यूनाइटेड किंगडम चले गए और तभी से निर्वासन में रह रहे थे।
2009 में शेख हसीना के सत्ता में आने के बाद भी उनके खिलाफ मामले चलते रहे और कई मामलों में उन्हें दोषी ठहराया गया। हालांकि बीएनपी और तारिक रहमान हमेशा इन मुकदमों को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं। वर्ष 2024 में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार ने तारिक रहमान के खिलाफ चल रहे मुकदमों को वापस ले लिया।
अब बांग्लादेश में होने वाले आगामी आम चुनावों में तारिक रहमान को प्रधानमंत्री पद का एक मजबूत दावेदार माना जा रहा है। उनकी देश वापसी को बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।