फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) इन दिनों राष्ट्रीय सुर्खियों में है। वजह है — दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम धमाकों की जांच में इस यूनिवर्सिटी के दो डॉक्टरों के नाम सामने आना। जांच एजेंसियों के मुताबिक, धमाके के तार अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज से जुड़े होने की संभावना है। एनआईए और हरियाणा पुलिस ने मिलकर जांच की दिशा को और तेज कर दिया है।
कैसे जुड़ा यूनिवर्सिटी का नाम दिल्ली धमाके से
10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किले के पास बम धमाका हुआ, जिसमें शुरुआती जांच के बाद पता चला कि संदिग्धों के तार फरीदाबाद के धौज स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं।
जांच में दो प्रमुख नाम सामने आए —
- डॉ. उमर उन नबी (Dr. Umar un Nabi) – यह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत था। बताया जा रहा है कि धमाके के वक्त वही उस कार को चला रहा था जिसमें विस्फोट हुआ।
- डॉ. मुजम्मिल शकील (Dr. Mujammil Shakeel) – वह भी मेडिकल कॉलेज से जुड़ा था। पुलिस को उसकी कोठी और कमरे से करीब 3,000 ग्राम विस्फोटक सामग्री मिली है।
इसके अलावा, जांच में एक और नाम डॉ. शाहीन शाहिद (Dr. Shaheen Shahid) का भी आया है, जो यूनिवर्सिटी के अस्पताल से जुड़ी हुई थीं और कथित तौर पर आतंकी नेटवर्क से संबंधों के शक में पूछताछ के दायरे में हैं।
NIA और पुलिस की कार्रवाई
जांच एजेंसियों ने अब तक यूनिवर्सिटी के 50 से अधिक शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों से पूछताछ की है।
सूत्रों के मुताबिक,
- यूनिवर्सिटी की मस्जिद के इमाम इश्तियाक से भी पूछताछ जारी है।
- कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, लैपटॉप, मोबाइल और संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
- फरीदाबाद से जब्त हुए विस्फोटकों को फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है।
एनआईए को शक है कि इन संदिग्ध डॉक्टरों के जम्मू-कश्मीर और विदेश स्थित आतंकी मॉड्यूल से भी संबंध हो सकते हैं।
यूनिवर्सिटी प्रशासन का बयान
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने एक प्रेस बयान में कहा है कि —
“विश्वविद्यालय प्रशासन जांच एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग कर रहा है। जिन व्यक्तियों के खिलाफ जांच चल रही है, उनके कृत्य का यूनिवर्सिटी से कोई आधिकारिक संबंध नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा और सामाजिक उत्थान के उद्देश्य से कार्यरत है, और किसी भी प्रकार की हिंसक या अवैध गतिविधि का समर्थन नहीं करता।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी: इतिहास और जानकारी
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| नाम | अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University – AFU) |
| स्थान | धौज गांव, फरीदाबाद, हरियाणा (अरावली की तलहटी में स्थित) |
| स्थापना वर्ष | 1997 (अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के रूप में) |
| विश्वविद्यालय का दर्जा | 2014 में हरियाणा सरकार द्वारा प्रदान किया गया |
| मान्यता | UGC (2F और 12B के तहत) |
| संस्थापक संस्था | अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट |
| परिसर का क्षेत्रफल | लगभग 70–78 एकड़ |
| मुख्य विभाग | इंजीनियरिंग, मेडिकल साइंसेज, एजुकेशन, मैनेजमेंट, सोशल साइंसेज, फिजियोथेरेपी आदि |
| मेडिकल कॉलेज | 2019 में स्थापित, 650 बेड वाला शिक्षण अस्पताल संचालित |
| कुलपति | डॉ. भूपिंदर कौर आनंद |
| अर्थ (Al-Falah) | अरबी शब्द जिसका अर्थ है “सफलता”, “कल्याण” या “मुक्ति” — यह शब्द इस्लामी अजान में भी प्रयुक्त होता है (“हय्या अलल-फलाह”) |
वर्तमान स्थिति
अब तक जांच जारी है और NIA की टीम हर पहलू की गहन पड़ताल कर रही है।
फरीदाबाद पुलिस ने इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है। यूनिवर्सिटी परिसर में बाहरी व्यक्तियों की एंट्री सीमित कर दी गई है।
वहीं, स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी शैक्षणिक संस्थान का नाम इस तरह के आतंकी घटनाक्रम से जुड़ा है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी, जो कभी हरियाणा के एक प्रमुख निजी शैक्षणिक संस्थान के रूप में जानी जाती थी, अब सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर है। जांच से क्या नए खुलासे होते हैं, यह आने वाले दिनों में तय करेगा कि इस मामले का असली मास्टरमाइंड कौन है और इसकी जड़ें कितनी गहरी हैं।