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दिल्ली के लाल किला क्षेत्र के पास हुए हालिया बम धमाकों ने देशभर में सनसनी मचा दी है। राजधानी में हुए इस आतंकी हमले की जांच में अब कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां फिलहाल एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और फरीदाबाद पुलिस के नेतृत्व में जांच कर रही हैं, जो इस मामले को बेहद गंभीर मान रही हैं।
जांच का फोकस फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर
इस पूरे मामले में जांच एजेंसियों ने फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर ध्यान केंद्रित किया है। जांच में यह सामने आया है कि विश्वविद्यालय के दो डॉक्टर – मोज़म्मिल और उमर – इस धमाके की साजिश में शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, दोनों डॉक्टरों के ठिकानों पर एनआईए और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की, जिसमें कई अहम सबूत मिले हैं।
फरीदाबाद से मिले 3,000 विस्फोटक पदार्थ
छापेमारी के दौरान करीब 3,000 विस्फोटक पदार्थ बरामद किए गए हैं। इन विस्फोटकों का इस्तेमाल संभवतः दिल्ली धमाकों में किया गया या किया जाना था। बरामद सामग्री को फॉरेंसिक टीमों ने जांच के लिए भेज दिया है।
अधिकारियों के मुताबिक, बरामद विस्फोटक केमिकल फॉर्म में थे, जिन्हें असेंबल कर बम तैयार किया जा सकता था।
डायरियां और डिजिटल सबूतों से मिल रहे हैं अहम सुराग
दोनों डॉक्टरों के घरों और दफ्तरों से डायरियां, लैपटॉप, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि दोनों के बीच एन्क्रिप्टेड चैट और फंड ट्रांजेक्शन हुए हैं, जो संदिग्ध गतिविधियों की ओर इशारा करते हैं।
एनआईए अब इन डिजिटल डेटा को रिकवर कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस साजिश में और कौन लोग शामिल थे और इनके विदेशी कनेक्शन हैं या नहीं।
विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों से पूछताछ
एनआईए ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुछ प्रोफेसरों, छात्रों और स्टाफ सदस्यों से भी पूछताछ की है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि उन्हें डॉक्टरों की इस गतिविधि की कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन वे जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग कर रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या विश्वविद्यालय परिसर का इस्तेमाल विस्फोटक तैयार करने या छिपाने के लिए किया गया था।
आतंकी नेटवर्क से जुड़ाव की जांच
एनआईए यह भी जांच रही है कि इन डॉक्टरों का संबंध किसी आतंकी संगठन या अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से तो नहीं है।
मोज़म्मिल और उमर दोनों ने हाल के वर्षों में विदेश यात्राएं की थीं, जिनमें से कुछ की जानकारी अब तक जांच एजेंसियों को नहीं दी गई थी।
यह भी पता चला है कि दोनों ने गुप्त रूप से ऑनलाइन विदेशी खातों में धन भेजा था, जिससे शक और गहरा गया है।
सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी बढ़ी
धमाके के बाद से दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। प्रमुख स्थलों, मेट्रो स्टेशनों और सीमावर्ती इलाकों पर चेकिंग अभियान तेज कर दिया गया है।
पुलिस ने कई संदिग्ध व्यक्तियों की कॉल डिटेल्स और बैंक लेनदेन की जांच शुरू की है।
इसके अलावा, फरीदाबाद, पलवल और गुड़गांव में भी इंटेलिजेंस सर्विलांस बढ़ाई गई है।
स्थानीय निवासियों में दहशत
घटना के बाद फरीदाबाद के आसपास के इलाकों में लोगों में दहशत का माहौल है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि उनके आस-पास इतनी बड़ी साजिश रची जा रही थी।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की सूचना तुरंत दें।
सरकार की प्रतिक्रिया
हरियाणा के गृह मंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार एनआईए की हर संभव मदद कर रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा – “ये देश की सुरक्षा का मामला है। कोई भी व्यक्ति या संस्था अगर इस साजिश में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
आगे की दिशा
एनआईए ने मोज़म्मिल और उमर के संपर्कों की लिस्ट तैयार की है और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, और महाराष्ट्र में भी छापेमारी की तैयारी चल रही है।
एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि लाल किला क्षेत्र को निशाना बनाने का मकसद क्या था और क्या इससे जुड़े अन्य स्लीपर सेल अभी सक्रिय हैं।