रांची: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र अब तय हो गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विधानसभा का सत्र 5 दिसंबर से शुरू होकर 11 दिसंबर तक चलेगा। कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने जानकारी दी कि इस दौरान कुल पांच कार्यदिवस होंगे, जिनमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
राज्य सरकार की ओर से इस सत्र में अनुपूरक बजट पेश किए जाने की संभावना है। इसके अलावा सरकार अपनी कई योजनाओं—जैसे ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार से जुड़ी परियोजनाओं—को लेकर भी सदन में चर्चा करेगी। वहीं विपक्ष ने संकेत दिया है कि वह सरकार को भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, बिजली संकट और खनन नीति जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह सत्र हेमंत सोरेन सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले वर्ष राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यह सत्र सरकार के लिए अपने कामकाज और उपलब्धियों को जनता तक पहुँचाने का एक बड़ा मौका माना जा रहा है।
कैबिनेट सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सत्र को सार्थक और जनहितकारी बनाया जाए। सरकार चाहती है कि इस दौरान जनता से जुड़े हर महत्वपूर्ण विषय पर ठोस चर्चा हो और विकास योजनाओं की समीक्षा की जाए।
झारखंड विधानसभा का यह सत्र न केवल राजनीतिक रूप से बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से भी अहम साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें राज्य के विकास की दिशा तय करने वाले कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।