साल 2025 की दिवाली बेहद खास होने वाली है, क्योंकि इस बार 62 साल बाद एक ऐसा संयोग बन रहा है, जब कार्तिक अमावस्या दो दिनों तक रहेगी। यही कारण है कि लोगों में भ्रम है कि दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी या 21 अक्टूबर को।
आइए जानते हैं पंचांग के अनुसार सही तिथि, शुभ मुहूर्त और कारण।
क्यों बन रहा है 2 दिन अमावस्या का योग?
वैदिक पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर की रात से प्रारंभ होकर 21 अक्टूबर तक रहेगी।
अमावस्या का कुछ हिस्सा पहले दिन और कुछ हिस्सा दूसरे दिन पड़ने के कारण यह दुर्लभ स्थिति बनी है।
इसी को 62 साल बाद दो दिन अमावस्या का विशेष योग कहा जा रहा है।
दिवाली कब मनाई जाएगी?
धार्मिक नियम के अनुसार अमावस्या तिथि और प्रदोषकाल एक साथ मिलें, तभी महालक्ष्मी पूजा की जाती है।
इस आधार पर पंडितों का मानना है कि यदि प्रदोषकाल (शाम का समय) 21 अक्टूबर को अमावस्या के साथ हो, तो दिवाली 21 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) को मनाई जाएगी।
हालांकि कुछ पंचांग 20 अक्टूबर को भी मानते हैं, इसलिए अलग-अलग मत देखने को मिल सकते हैं।
अधिकतर राष्ट्रीय पंचांग और मंदिर परंपरा के अनुसार दिवाली 21 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (संभावित)
शाम 6:50 बजे से रात 8:45 बजे तक (प्रदोषकाल + स्थिर लग्न के अनुसार)
सटीक समय क्षेत्रानुसार बदलेगा।
दिवाली से जुड़े प्रमुख पर्व
- 18 अक्टूबर – धनतेरस
- 19 अक्टूबर – रूप चौदस / नरक चतुर्दशी
- 20 या 21 अक्टूबर – लक्ष्मी पूजा (दिवाली)
- अगले दिन – गोवर्धन पूजा
- उसके बाद – भैया दूज
दिवाली का महत्व
दिवाली पर भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में दीप जलाए गए थे।
इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से धन, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है।
दीपक जलाना अंधकार पर प्रकाश की जीत और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक माना जाता है।