कोलकाता, 8 दिसंबर 2025 – भारत की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो के परिचालन संकट ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है। एयरलाइन ने सोमवार को लगभग 500 उड़ानें रद्द कर दीं, जिससे लाखों यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। इस पूरे मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और पायलटों के लिए सहानुभूति जताई।
यात्रियों का उत्पीड़न
कोलकाता एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह संकट इसलिए उत्पन्न हुआ क्योंकि केंद्र सरकार ने कोई वैकल्पिक योजना नहीं बनाई थी। उन्होंने कहा:
- दो घंटे की फ्लाइट अब यात्रियों के लिए 24–36 घंटे की ट्रेन यात्रा बन गई है।
- लोग पहले से रिजर्वेशन कराने के बावजूद असुविधा का सामना कर रहे हैं।
- यह स्थिति यात्रियों का उत्पीड़न है।
ममता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि यह केवल चुनावी सोच वाली सरकार है, जबकि उनकी पार्टी हमेशा जनता के हित के बारे में सोचती है।
पायलटों को भी आराम की जरूरत
ममता बनर्जी ने पायलटों की मुश्किलों पर भी ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि कई पायलटों को ओवरटाइम काम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है। उनका कहना था कि पायलटों को भी आराम की जरूरत है और इस संकट से निपटने के लिए पूर्व निर्धारित वैकल्पिक योजना होनी चाहिए थी।
संकट का कारण और केंद्र की प्रतिक्रिया
इंडिगो एयरलाइंस के परिचालन संकट की शुरुआत 2 दिसंबर 2025 से हुई। इसका मुख्य कारण था चालक दल की ड्यूटी समय और नियामकीय नियमों में बदलाव। इस वजह से रोजाना सैकड़ों उड़ानें रद्द हो रही हैं और यात्रियों को असुविधा हो रही है।
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा है कि इस मामले में सरकारी जांच जारी है और एयरलाइन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि अन्य एयरलाइंस के लिए भी उदाहरण बने।
निष्कर्ष
इंडिगो संकट ने न केवल यात्रियों की मुश्किलें बढ़ाईं बल्कि पायलटों पर भी दबाव डाला। ममता बनर्जी ने इसे केंद्र सरकार की अनियोजित और नीतिगत कमी करार दिया है। अब सवाल यह है कि एयरलाइन और केंद्र सरकार इस संकट को कब और कैसे हल करेंगे।