अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई एक पुरानी मुलाकात को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इतने “डरे हुए लोग” कभी नहीं देखे। ट्रंप ने बताया कि उस मुलाकात में जिनपिंग के साथ आए अधिकारी इतने गंभीर और भयभीत नजर आ रहे थे कि किसी की हिम्मत नहीं थी मुस्कुराने या कुछ कहने की। उन्होंने मजाकिया अंदाज़ में उस पल की मिमिक्री करते हुए कहा, “सभी के हाथ पीछे थे, आंखें नीचे और चेहरा बिल्कुल सपाट।”
ट्रंप का यह बयान दक्षिण कोरिया के बुसान में हुई एक बैठक के दौरान की याद पर आधारित था, जहां दोनों नेताओं ने व्यापार, सेमीकंडक्टर, फेंटेनिल और दुर्लभ धातुओं के मुद्दों पर चर्चा की थी। उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि चीन की टीम बेहद अनुशासित और नियंत्रित माहौल में काम करती है, लेकिन अमेरिका कभी इस तरह भयभीत होकर व्यवहार नहीं करेगा।
ट्रंप की यह टिप्पणी जहां उनके हास्यपूर्ण अंदाज़ को दिखाती है, वहीं यह अमेरिका-चीन रिश्तों की मौजूदा स्थिति पर भी रोशनी डालती है। जानकारों का मानना है कि ट्रंप ने मज़ाक के बहाने एक गंभीर संदेश दिया है—कि अमेरिका किसी दबाव में झुकने वाला नहीं। उनकी यह टिप्पणी अब वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गई है, खासकर ऐसे वक्त में जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक और राजनीतिक तनाव एक नए मोड़ पर है।