
बिहार के गया जिले की गरारी पंचायत की मुखिया पूजा कुमारी को इस बार स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल होने का आमंत्रण मिला है। मात्र 25 वर्ष की उम्र में दो बार मुखिया चुनी गईं पूजा को लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का अवसर मिलेगा। यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का क्षण है।
बीस साल की उम्र में बनी थीं पहली बार मुखिया
पूजा कुमारी ने वर्ष 2021 में जब पहली बार चुनाव जीता, तब उनकी उम्र सिर्फ 20 साल थी। हालांकि, नियमानुसार पंचायत चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए, जिसके कारण चुनाव आयोग ने उनकी सदस्यता बाद में रद्द कर दी थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2023 में हुए उपचुनाव में फिर से भाग लिया और दोबारा मुखिया बनकर पंचायत की बागडोर संभाली।
राजनीति में बनाई अलग पहचान
पूजा कुमारी ने अपनी कड़ी मेहनत, ईमानदारी और दूरदर्शिता से राजनीति में एक नई पहचान बनाई है। उन्होंने अपने पंचायत क्षेत्र में कई सामाजिक योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया और विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण पर कार्य करते हुए पंचायत को ‘मॉडल वूमेन फ्रेंडली पंचायत’ के रूप में स्थापित किया।
महिला आम सभा की अनोखी पहल
पूजा ने परंपरागत आम सभा से हटकर एक नई पहल करते हुए ‘महिला आम सभा’ की शुरुआत की, जिसमें पंचायत की महिलाएं खुलकर अपनी समस्याएं और योजनाएं रखती हैं। यह प्रयोग पूरे जिले में सराहा गया और सरकार ने उनके पंचायत को आदर्श महिला पंचायत के रूप में मान्यता दी। परिवार से मिली प्रेरणा, खुद बनाई राह।