अमेरिकी किसानों की शिकायत से भड़के ट्रम्प
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संकेत दिया है कि उनकी सरकार भारत से आने वाले चावल पर नए आयात शुल्क (टैरिफ) लगा सकती है। यह कदम अमेरिकी किसानों की उन शिकायतों के बाद सामने आया है, जिनमें कहा गया है कि भारत से “अत्यधिक सस्ते” दाम पर चावल का आयात किया जा रहा है। किसानों का दावा है कि इससे अमेरिकी बाजार में कीमतें गिर रही हैं और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
“डंपिंग नहीं चलेगी”—ट्रम्प का कड़ा संदेश
एक कार्यक्रम के दौरान ट्रम्प ने कहा कि भारत सहित कई देश अमेरिकी बाजार में सामान ‘डंप’ कर रहे हैं, जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा,
“They shouldn’t be dumping… You can’t do that.”
ट्रम्प ने स्पष्ट किया कि अमेरिकी कृषि क्षेत्र को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँगे।
संकेतों के बावजूद औपचारिक निर्णय बाकी
हालांकि यह कदम चर्चा के स्तर पर है, लेकिन अभी तक नए टैरिफ लागू करने पर सरकार द्वारा कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। व्हाइट हाउस की आर्थिक टीम स्थिति का मूल्यांकन कर रही है और यह देखा जा रहा है कि भारतीय चावल के आयात का अमेरिकी कृषि बाजार पर वास्तविक प्रभाव कितना गहरा है।
कनाडाई फर्टिलाइज़र पर भी टैरिफ की तैयारी
भारतीय चावल ही नहीं, ट्रम्प प्रशासन कनाडा से आने वाले उर्वरकों (फर्टिलाइज़र) पर भी नए टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है। राष्ट्रपति का कहना है कि विदेशी उत्पादों की सस्ती सप्लाई अमेरिकी किसानों को कमजोर कर रही है, और अमेरिका “अन्यायपूर्ण व्यापार” नहीं सहेगा।
इससे पहले किसानों के लिए 12 अरब डॉलर का समर्थन पैकेज
अमेरिकी सरकार ने हाल ही में अपने घरेलू किसानों को समर्थन देने के लिए 12 अरब डॉलर का राहत पैकेज जारी किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह पैकेज दर्शाता है कि व्हाइट हाउस कृषि क्षेत्र को लेकर बेहद सतर्क है और किसी भी प्रकार की बाहरी आर्थिक दबाव की कोशिश को रोकने के लिए तैयार है।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर असर का अनुमान
भारत के लिए यह कदम चिंता का कारण बन सकता है। अमेरिका भारत के लिए चावल निर्यात का एक उभरता हुआ बाज़ार है—विशेषकर गैर-बासमती सेगमेंट में। नए टैरिफ लागू होने पर भारतीय चावल अमेरिकी बाजार में महंगा हो जाएगा, जिससे निर्यातकों की लागत में बढ़ोतरी और प्रतिस्पर्धा में गिरावट संभव है।
व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिकी प्रशासन ऐसे कदमों को आगे बढ़ाता है तो आने वाले महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव और बढ़ सकता है।
भारतीय निर्यातकों की नजर फैसले पर
भारत के चावल निर्यातक इस स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। उनका कहना है कि अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं है, लेकिन यदि टैरिफ लागू होता है तो उन्हें वैकल्पिक बाजारों पर निर्भर होना पड़ सकता है।