ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित मशहूर बोंडी बीच पर हुए भीषण हमले के बाद जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। इस हमले ने न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया को झकझोर दिया है, बल्कि इसके तार भारत से जुड़ने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ गई है।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हैं। जिस वक्त हमला हुआ, उस समय वहां यहूदी समुदाय का एक कार्यक्रम चल रहा था।
पिता-पुत्र पर शक, एक की मौत
हमले के दो संदिग्धों की पहचान साजिद अकरम (50) और उनके बेटे नवीद अकरम (24) के रूप में हुई है। दोनों भारतीय मूल के बताए जा रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में साजिद अकरम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनका बेटा नवीद गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में भर्ती है।
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC News) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि हमला करते वक्त दोनों ने कथित तौर पर “अल्लाहु अकबर” के नारे लगाए।
कार से मिले विस्फोटक और आईएसआईएस के झंडे
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के अनुसार, नवीद अकरम के नाम पर रजिस्टर्ड एक कार से
- आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस)
- आईएसआईएस के झंडे
बरामद किए गए हैं।
न्यू साउथ वेल्स पुलिस के आयुक्त मैल लैन्योन ने कहा है कि मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है और किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
फिलीपींस यात्रा पर उठे सवाल
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने बताया कि हमले से कुछ हफ्ते पहले साजिद और नवीद फिलीपींस गए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलीपींस उन देशों में शामिल है जहां अब भी आईएसआईएस से जुड़े संगठनों की मौजूदगी मानी जाती है।
इसी वजह से ऑस्ट्रेलियाई एजेंसियां यह जांच कर रही हैं कि:
- दोनों फिलीपींस क्यों गए?
- वहां किन लोगों से मिले?
- क्या वहां किसी कट्टरपंथी नेटवर्क से संपर्क हुआ?
हैदराबाद से जुड़ा है परिवार
भारतीय जांच एजेंसियों के हवाले से मीडिया ने बताया है कि अकरम परिवार मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला है।
साजिद अकरम के पास बीकॉम की डिग्री थी और वह साल 1998 में ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो गए थे।
साजिद ने ऑस्ट्रेलिया में एक यूरोपीय मूल की महिला से शादी की थी। उनके दो बच्चे हैं—एक बेटा नवीद और एक बेटी।
तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, भारत में साजिद के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं पाया गया है।
हथियार कैसे मिले, जांच के घेरे में
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया, खासकर द संडे मॉर्निंग हेरल्ड, ने सवाल उठाया है कि
साजिद अकरम के नाम पर छह हथियार रजिस्टर्ड कैसे थे, और अगर बेटे के कट्टरपंथी संपर्क पहले से थे तो हथियारों का लाइसेंस कैसे मिला।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि हमले से पहले एक मैनिफेस्टो तैयार किया गया था, जिसकी जांच चल रही है।
प्रवासी नीति पर छिड़ी बहस
इस हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया में प्रवासी नीति को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है।
SBS News के मुताबिक, विपक्ष ने संवेदनशील माहौल को देखते हुए नई प्रवासी नीति की घोषणा फिलहाल टाल दी है।
वन नेशन पार्टी की नेता पॉलिन हैनसन ने कहा,
“जो लोग यहां आते हैं, उन्हें ऑस्ट्रेलियाई समाज का हिस्सा बनना चाहिए। अपनी नफरत इस देश में मत लाओ।”
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री से बातचीत कर भरोसा दिलाया है कि भारत इस मामले की जांच में हर स्तर पर सहयोग करेगा।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया बोंडी बीच हमले को संभावित आतंकी और चरमपंथी हमला मानकर चल रहा है।
पिता-पुत्र की भूमिका, आईएसआईएस से कथित संबंध, फिलीपींस यात्रा और हथियारों की उपलब्धता—ये सभी सवाल फिलहाल जांच के केंद्र में हैं।
जांच पूरी होने के बाद ही साफ हो पाएगा कि यह हमला किस हद तक अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से जुड़ा था।