हिंदू युवक की हत्या पर UN की चिंता, ढाका ने वीज़ा सेवाएं कीं स्थगित
बांग्लादेश में हालिया हिंसा अब सिर्फ आंतरिक मामला नहीं रह गई है। हिंदू युवक की नृशंस हत्या, छात्र नेता की मौत और सड़कों पर भड़के आक्रोश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींच लिया है। हालात ऐसे बन गए हैं कि इसका असर अब भारत तक दिखाई देने लगा है।
संयुक्त राष्ट्र से लेकर भारत सरकार तक, हर स्तर पर चिंता जताई जा रही है।
हिंदू युवक की हत्या पर UN की गंभीर प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा और एक हिंदू व्यक्ति की हत्या पर चिंता जताई है।
UN प्रवक्ता स्टेफान दुजारिक ने कहा कि किसी भी देश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षित महसूस करना चाहिए।
उनका कहना था,
“चाहे बांग्लादेश हो या कोई और देश, हर नागरिक — खासकर जो बहुसंख्यक नहीं हैं — उन्हें सुरक्षा का भरोसा मिलना चाहिए। हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।”
भारत में भी गूंजा मुद्दा, केंद्रीय मंत्री का तीखा बयान
भारत में भी इस घटना को लेकर सियासी प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को “मानवता पर कलंक” बताया।
उन्होंने कहा,
“यह कोई चौंकाने वाली घटना नहीं है। पहले पाकिस्तान और अब बांग्लादेश — हिंदुओं का उत्पीड़न एक कड़वी सच्चाई बन चुका है। पूरी दुनिया इससे आहत है।”
बांग्लादेश में क्या हुआ? समझिए पूरा घटनाक्रम
- 12 दिसंबर:
2024 छात्र आंदोलन से जुड़े नेता शरीफ उस्मान हादी को ढाका में गोली मारी गई - 18 दिसंबर:
सिंगापुर में इलाज के दौरान हादी की मौत, देशभर में भड़का आक्रोश - 19 दिसंबर:
मयमनसिंह में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की कथित तौर पर ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या - 20 दिसंबर:
अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने बताया कि हत्या के मामले में 7 लोग गिरफ्तार - 22 दिसंबर:
बांग्लादेश ने “अपरिहार्य कारणों” का हवाला देते हुए भारत के तीन शहरों — नई दिल्ली, सिलीगुड़ी और अगरतला — में वीज़ा सेवाएं निलंबित कर दीं
भारत के मेडिकल छात्र फंसे, बढ़ी चिंता
बढ़ती हिंसा के बीच बांग्लादेश में पढ़ाई कर रहे भारतीय मेडिकल छात्र भी मुश्किल में हैं।
ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AIMSA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की अपील की है।
संस्था का कहना है कि छात्रों में डर और मानसिक तनाव बढ़ रहा है और उनकी सुरक्षा खतरे में है।
सरकार को गिराने की धमकी, आंदोलन की चेतावनी
शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद उनके संगठन इंक़िलाब मंचो ने चेतावनी दी है कि अगर न्याय नहीं मिला, तो मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के खिलाफ बड़ा जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इस धमकी के बाद हालात और संवेदनशील हो गए हैं।
सड़कों पर गुस्सा, कैंपस में विरोध
ढाका यूनिवर्सिटी समेत कई जगहों पर छात्र काले कपड़े बांधकर मौन प्रदर्शन कर रहे हैं।
हिंदू गारमेंट वर्कर दीपू चंद्र दास की हत्या ने आम लोगों को भी झकझोर दिया है।
स्थिति नाज़ुक, नजरें सरकार पर
फिलहाल बांग्लादेश में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं।
हिंसा, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, छात्रों का आंदोलन और अंतरराष्ट्रीय दबाव — इन सबके बीच अब सबसे बड़ा सवाल यही है:
क्या बांग्लादेश सरकार हालात को काबू में ला पाएगी?