धनतेरस हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। यह दिवाली उत्सव की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा का विशेष महत्व है। धनतेरस पर नए बर्तन, सोना-चांदी, वाहन, झाड़ू और अन्य शुभ वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है।
तिथि कब से कब तक
धनतेरस तिथि 18 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी।
यह तिथि 19 अक्टूबर 2025 को दोपहर 1 बजकर 51 मिनट तक रहेगी।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त
सुबह 8:50 बजे से 10:33 बजे तक
सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक
शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक
इन मुहूर्तों में सोना-चांदी, बर्तन या अन्य शुभ वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं।
धनतेरस पूजा का मुहूर्त
शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक धनतेरस पूजन के लिए शुभ समय रहेगा।
यम दीपक का समय
शाम 5:48 बजे से 7:04 बजे तक यम दीपदान किया जाएगा।
इस समय घर के मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीपक जलाया जाता है।
पूजन विधि
सर्वप्रथम घर की साफ-सफाई करके प्रवेश द्वार और पूजा स्थान पर रंगोली बनाई जाती है।
भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर उनकी विधिवत पूजा की जाती है।
कुबेर देव और भगवान धन्वंतरि का भी पूजन किया जाता है।
धनतेरस पर दीप जलाकर धन की स्थिरता और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।
शाम को यम दीपक जलाना जरूरी माना गया है ताकि परिवार पर कोई संकट न आए।
धनतेरस का महत्व
मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान इस दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इसे धनत्रयोदशी कहा जाता है।
धनतेरस पर खरीदी गई वस्तुएं घर में लक्ष्मी का आगमन और समृद्धि लाती हैं।
यह दिन पूरे वर्ष के लिए शुभ शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।