बॉलीवुड एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती ने हाल ही में खुलासा किया है कि वह एग फ्रीजिंग कराने पर विचार कर रही हैं। एक बातचीत के दौरान रिया ने बताया कि वह 33 साल की हैं और इस विषय में गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह भी ले चुकी हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ शरीर की जैविक घड़ी बच्चों के बारे में सोचने को कहती है, वहीं दूसरी तरफ करियर और बिजनेस को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी होती है।

रिया चक्रवर्ती के इस बयान के बाद एग फ्रीजिंग को लेकर महिलाओं के बीच चर्चा तेज हो गई है। कई महिलाएं जानना चाहती हैं कि एग फ्रीजिंग क्या है, यह कैसे की जाती है और क्या यह सुरक्षित है।
एग फ्रीजिंग एक मेडिकल प्रक्रिया है, जिसमें महिला के अंडाणुओं यानी एग्स को शरीर से बाहर निकालकर फ्रीज कर दिया जाता है। इन फ्रीज किए गए एग्स को भविष्य में जरूरत पड़ने पर प्रेग्नेंसी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रक्रिया से महिलाओं को मातृत्व की योजना अपने समय के अनुसार बनाने का विकल्प मिलता है।
डॉक्टरों के अनुसार एग फ्रीजिंग से पहले महिला को कुछ दिनों तक हार्मोनल दवाएं दी जाती हैं, ताकि एक साथ ज्यादा एग्स विकसित हो सकें। इसके बाद एक छोटी मेडिकल प्रक्रिया के जरिए एग्स निकाले जाते हैं और विशेष तकनीक से फ्रीज कर दिए जाते हैं। जब महिला चाहती है, तब इन्हीं एग्स की मदद से आईवीएफ के जरिए प्रेग्नेंसी प्लान की जा सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ महिला के एग्स की क्वालिटी कम होने लगती है। 35 से 40 साल की उम्र के बाद यह गिरावट तेजी से होती है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई आ सकती है। मेडिकल तौर पर 28 से 35 साल की उम्र के बीच एग फ्रीजिंग कराना सबसे प्रभावी माना जाता है।
डॉक्टरों के मुताबिक 33 साल की उम्र में एग फ्रीजिंग कराना पूरी तरह सुरक्षित हो सकता है, बशर्ते महिला शारीरिक रूप से स्वस्थ हो। हालांकि यह फैसला लेने से पहले सही काउंसलिंग बेहद जरूरी है, ताकि महिला मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार रहे।
विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि एग फ्रीजिंग का निर्णय किसी सामाजिक या पारिवारिक दबाव में नहीं लेना चाहिए। यह एक व्यक्तिगत फैसला है, जिसे सोच समझकर और आईवीएफ विशेषज्ञ की सलाह से ही लेना चाहिए।
रिया चक्रवर्ती का यह कदम उन महिलाओं के लिए एक उदाहरण बन सकता है, जो करियर और मातृत्व के बीच संतुलन बनाना चाहती हैं और भविष्य के लिए सुरक्षित विकल्प तलाश रही हैं।