बांग्लादेश में एक बार फिर भीड़ की हिंसा ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। राजनीतिक तनाव के बीच भड़की हिंसा में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के एक नेता के घर को निशाना बनाया गया, जहां आगजनी की इस भयावह घटना में सात साल की मासूम बच्ची की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार यह घटना बांग्लादेश के लक्ष्मीपुर इलाके की है। यहां कथित तौर पर उग्र भीड़ ने बीएनपी नेता के घर पर हमला किया और घर में आग लगा दी। उस वक्त घर के अंदर परिवार के सदस्य मौजूद थे। आग इतनी तेजी से फैली कि सात साल की बेटी बाहर नहीं निकल सकी और उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। परिवार के अन्य सदस्य गंभीर रूप से झुलस गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि यह हिंसा छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई। हादी की मौत के बाद से बांग्लादेश के कई हिस्सों में तनाव का माहौल है और राजनीतिक हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। कई जगहों पर तोड़फोड़, आगजनी और झड़पों की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हमलावरों ने पूरी तैयारी के साथ इस घटना को अंजाम दिया। घर को चारों तरफ से घेर लिया गया था, जिससे अंदर फंसे लोग बाहर नहीं निकल सके। मासूम बच्ची की मौत ने लोगों के गुस्से और डर दोनों को बढ़ा दिया है।
घटना के बाद पुलिस और सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और हालात को काबू में करने की कोशिश की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हालांकि, इस घटना ने बांग्लादेश में कानून व्यवस्था और आम लोगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि राजनीतिक मतभेदों की आड़ में निर्दोष लोगों, खासकर बच्चों को निशाना बनाना किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। मासूम बच्ची की मौत सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज की विफलता है।
फिलहाल इलाके में तनाव बना हुआ है और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। लोग डरे हुए हैं और हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि राजनीतिक हिंसा की कीमत आखिर कब तक आम लोग और मासूम बच्चे चुकाते रहेंगे।