भारत और रूस के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग एक नए चरण में प्रवेश करने वाला है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच Small Modular Reactors (SMR) तकनीक पर बड़ी डील होने की संभावना जताई जा रही है। यह डील भारत की भविष्य की स्वच्छ ऊर्जा जरूरतों के लिए बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि छोटे मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर पारंपरिक बड़े रिएक्टरों की तुलना में तेज़, सुरक्षित और कम लागत में तैयार किए जा सकते हैं। फैक्ट्री-बेस्ड मॉड्यूलर निर्माण के कारण इन्हें देश के छोटे शहरों और दूरदराज़ इलाकों में भी आसानी से लगाया जा सकता है।
SMR उसी तरह काम करते हैं जैसे सामान्य न्यूक्लियर रिएक्टर — यानी यूरेनियम ईंधन में परमाणु विखंडन से उत्पन्न गर्मी को भाप में बदला जाता है और उससे बिजली पैदा की जाती है। लेकिन इनका आकार छोटा होने और इनमें मौजूद passive safety systems की वजह से दुर्घटना का जोखिम काफी कम रहता है। रिपोर्टों के अनुसार, भारत भविष्य में कई SMR यूनिट स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है, जिससे बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम होगी।
रूस की परमाणु कंपनी Rosatom पहले ही भारत को SMR तकनीक ट्रांसफर करने की पेशकश दे चुकी है। यदि पुतिन की यात्रा में यह डील पक्की होती है, तो भारत विश्व की उन गिनती की अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा जो अगली पीढ़ी की मॉड्यूलर न्यूक्लियर तकनीक अपनाने जा रही हैं। यह साझेदारी भारत को स्वच्छ, स्थायी और भरोसेमंद ऊर्जा के भविष्य की ओर तेज गति से ले जा सकती है।