जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा, यूपी और दिल्ली-एनसीआर में फैले एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। करीब 2900 किलो संदिग्ध विस्फोटक सामग्री, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट शामिल बताया जा रहा है, जब्त किया गया है। इस नेटवर्क से जुड़े तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है।
फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल, लखनऊ से डॉक्टर शाहीन गिरफ्तार
अभियान की शुरुआत फरीदाबाद से हुई, जहां से डॉक्टर मुजम्मिल शकील को पकड़ा गया। वह पुलवामा के कोइल का रहने वाला है और फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। पुलिस जब उसके किराए के कमरे पर पहुंची तो वहां से 360 किलो धमाका सामग्री, एक असॉल्ट राइफल, कई मैगजीन और गोला-बारूद बरामद किया गया।
इस कार्रवाई के अगले दिन लखनऊ में डॉक्टर शाहीन शाहिद की कार से भी AK-47 राइफल, कारतूस और कई संदिग्ध सामग्री मिली। शाहीन, मुजम्मिल की करीबी दोस्त बताई जा रही है और उसकी कार का इस्तेमाल मुजम्मिल करता था।
तीसरी गिरफ्तारी: सहारनपुर से डॉक्टर आदिल
इससे पहले 7 नवंबर को सहारनपुर से डॉ. आदिल अहमद को हिरासत में लिया गया था। वह अनंतनाग का निवासी है और सरकारी मेडिकल कॉलेज में काम करता था। इस्तीफा देने के बाद वह यूपी में प्रैक्टिस कर रहा था।
कुल बरामदगी: 2900 किलो IED बनाने का सामान
J&K पुलिस के अनुसार अब तक बरामद सामग्री के आधार पर यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवात-उल-हिंद (AGuH) जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ा हुआ था। आरोपियों को विदेश से निर्देश मिलते थे और वे एन्क्रिप्टेड चैनलों व सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में थे।
फरीदाबाद के गांव में 2563 किलो विस्फोटक मिला
फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव में जिस घर को मुजम्मिल ने किराए पर लिया था, वहां से पुलिस ने 2563 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की। पुलिस के मुताबिक मुजम्मिल 8 महीने पहले यह घर सिर्फ सामान रखने के लिए ले गया था और यहां आता-जाता बहुत कम था।
घर से मिलने वाले सामान में
- टाइमर
- बैटरियां
- असॉल्ट राइफल
- पिस्टल
- कारतूस
- अतिरिक्त मैगजीन
शामिल हैं।
योजना बड़े हमले की थी?
जांच अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिलने से शक गहराता है कि मॉड्यूल किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी में था। बरामद सामग्री से कई भारी IED तैयार की जा सकती थीं।
अभी भी जारी है ऑपरेशन
फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि हरियाणा और J&K पुलिस पिछले 15 दिनों से संयुक्त ऑपरेशन चला रही थीं। जांच अभी भी जारी है और एजेंसियां पूरा नेटवर्क खंगाल रही हैं।
UAPA के तहत केस
आरोपियों के खिलाफ UAPA और इंडियन आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि अभी कई और खुलासे बाकी हैं।