कोलकाता
फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी के जीओएटी इंडिया टूर 2025 के दौरान कोलकाता में मची अव्यवस्था के मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। मेसी के इंडिया टूर के मुख्य आयोजक और प्रमोटर शतद्रु दत्ता को गिरफ्तार कर उन्हें 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। यह कार्रवाई सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुए हंगामे और तोड़फोड़ के एक दिन बाद की गई।
आयोजक को अदालत में किया गया पेश
गिरफ्तारी के बाद शतद्रु दत्ता को बिधाननगर अदालत में पेश किया गया। अदालत ले जाते समय भाजपा कार्यकर्ताओं ने बाहर प्रदर्शन किया और आयोजकों पर दर्शकों को धोखा देने के आरोप लगाए। पुलिस का कहना है कि आयोजक की लापरवाही और खराब भीड़ प्रबंधन के कारण हालात बेकाबू हो गए थे।
मेसी की झलक न मिलने से भड़के दर्शक
13 दिसंबर को सॉल्ट लेक स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम को बड़े फुटबॉल आयोजन के तौर पर प्रचारित किया गया था। हालांकि मेसी की मौजूदगी बेहद कम समय और कड़ी सुरक्षा के बीच रही। हजारों दर्शकों को मेसी की एक झलक तक नहीं मिल पाई, जबकि कई लोग दूर-दराज के राज्यों से आए थे और महंगे टिकट खरीदे थे।
गुस्से में तोड़फोड़ और हंगामा
निराश दर्शकों का गुस्सा स्टेडियम के भीतर फूट पड़ा। कई जगहों पर कुर्सियां, बैरिकेड और रेलिंग तोड़ दी गईं। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर आयोजक को हिरासत में लिया। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण में गंभीर चूक हुई थी।
उच्चस्तरीय जांच समिति ने किया निरीक्षण
घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गठित तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति ने स्टेडियम का दौरा किया। समिति ने मेसी के प्रवेश मार्ग, सुरक्षा व्यवस्था और दर्शक दीर्घाओं का निरीक्षण किया। जांच के दौरान टूटे हुए स्टूल, उखड़ी कुर्सियां और क्षतिग्रस्त ढांचे देखे गए। जांच पूरी होने तक सफाई कार्य रोक दिया गया है।
सरकार ने तय की जवाबदेही
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना पर खेद जताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जांच में टिकट बिक्री, प्रवेश व्यवस्था, सुरक्षा तैनाती और आयोजकों व प्रशासन के बीच तालमेल की भूमिका की जांच की जा रही है।
एआईएफएफ ने भी जताई चिंता
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने भी इस घटना पर चिंता जताते हुए इसे गंभीर सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में चूक बताया है। बताया गया है कि स्टेडियम में करीब 50 हजार दर्शक मौजूद थे, जबकि टिकट की कीमत 4 हजार से 12 हजार रुपये तक थी और ब्लैक में यह 20 हजार रुपये तक पहुंच गई थी।
जांच रिपोर्ट का इंतजार
जांच समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। वहीं, पुलिस हिरासत के दौरान आयोजक से आयोजन की योजना, अनुमति और संचालन से जुड़े फैसलों को लेकर पूछताछ की जाएगी।