 
        हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का प्रिय माना गया है। लगभग हर घर के आंगन या बालकनी में तुलसी का पौधा श्रद्धा और आस्था के साथ लगाया जाता है। रोजाना तुलसी पर जल चढ़ाना और दीपक जलाना शुभ माना जाता है, लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसे दिन बताए गए हैं जब तुलसी को पानी नहीं देना चाहिए। इन दिनों तुलसी पर जल चढ़ाना वर्जित माना गया है, क्योंकि ऐसा करने से धार्मिक दृष्टि से दोष लगता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार रविवार, एकादशी तिथि, चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं देना चाहिए। मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के साथ निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन अगर कोई व्यक्ति तुलसी को जल चढ़ाता है तो उनका व्रत भंग हो जाता है, जिससे शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती। यही कारण है कि रविवार को तुलसी की पूजा तो की जाती है, लेकिन पानी नहीं चढ़ाया जाता।
इसके अलावा एकादशी के दिन भी तुलसी पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। एकादशी व्रत रखने वाले लोग इस दिन तुलसी की पूजा विशेष विधि से करते हैं और तुलसी के पौधे पर केवल अक्षत, चंदन और फूल अर्पित करते हैं, जल नहीं। वहीं, सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के समय तुलसी को छूना, जल देना या पूजा करना वर्जित माना गया है, क्योंकि उस समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है।
कुछ ज्योतिषीय मान्यताओं में मंगलवार के दिन भी तुलसी पर जल नहीं चढ़ाने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है कि इस दिन तुलसी माता विश्राम करती हैं, इसलिए जल अर्पण से पहले दीपक जलाकर केवल प्रणाम करना ही पर्याप्त माना गया है।
शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि तुलसी को कभी भी लोहे या प्लास्टिक के बर्तन से पानी नहीं देना चाहिए। जल हमेशा तांबे या पीतल के लोटे से अर्पित करना चाहिए। पूजा के समय तुलसी के पास झूठा बर्तन, जूते-चप्पल या कचरा नहीं होना चाहिए, क्योंकि तुलसी को पवित्रता का प्रतीक माना गया है।
धार्मिक कारणों के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखा जाए तो तुलसी पर अत्यधिक पानी देना या हर दिन समान मात्रा में जल डालना पौधे की वृद्धि को प्रभावित कर सकता है। रविवार को सूर्य की गर्मी अधिक होती है, ऐसे में जल देने से पौधा जल्दी सूख सकता है। इसलिए मौसम और मिट्टी की स्थिति के अनुसार भी जल देने का सही समय चुनना चाहिए।
पौराणिक मान्यता है कि जो व्यक्ति तुलसी का आदर करता है और नियमपूर्वक उसकी पूजा करता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। तुलसी का पौधा न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि औषधीय दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी है। तुलसी के पत्तों से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और घर का वातावरण भी शुद्ध रहता है।
इसलिए अगली बार जब आप तुलसी की पूजा करें, तो इन नियमों का ध्यान रखें। रविवार, एकादशी और ग्रहण के दिन तुलसी को जल न दें, बल्कि दीपक जलाकर केवल प्रणाम करें। ऐसा करने से तुलसी माता की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
 
         
        