भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफ़रीदी के बीच पुरानी तनातनी एक बार फिर सुर्खियों में है। अफ़रीदी ने एक इंटरव्यू में गंभीर के कोचिंग स्टाइल पर सवाल उठाते हुए कहा कि गंभीर शुरुआत में खुद को “हमेशा सही समझते थे”, लेकिन बाद में यह साबित हुआ कि “कोई भी हर समय सही नहीं हो सकता।”
अफ़रीदी के इस बयान को भारतीय टीम की दो टेस्ट की 0–2 हार के बाद गंभीर पर उठ रहे सवालों से जोड़कर देखा जा रहा है।
“गंभीर को गा था कि वही हमेशा सही हैं” — अफ़रीदी
टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट से बातचीत में अफ़रीदी ने कहा:
“गौतम ने जब बतौर कोच शुरुआत की, ऐसा लगा कि उन्हें लगता है कि वो जो कहते हैं वही सही है। लेकिन वक्त के साथ साबित हुआ कि हर कोई गलती कर सकता है।”
हाल ही में दक्षिण अफ़्रीका दौरे पर भारतीय टीम की टेस्ट सीरीज़ हार के बाद गंभीर आलोचनाओं के घेरे में थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर ने कहा था—
“भारत का क्रिकेट मुझसे बड़ा है। अगर BCCI को लगता है कि मैं फिट नहीं हूं, वो फ़ैसला ले सकते हैं।”
रोहित–कोहली खेलेंगे 2027 वर्ल्ड कप? अफ़रीदी का दावा
रोहित शर्मा और विराट कोहली की फॉर्म से प्रभावित अफ़रीदी ने कहा—
“विराट और रोहित अभी भी भारतीय बल्लेबाज़ी की रीढ़ हैं। जिस तरह वे हाल की वनडे सीरीज़ में खेले, भरोसे के साथ कहा जा सकता है कि वे 2027 वर्ल्ड कप तक खेल सकते हैं।”
उन्होंने सलाह दी कि टीम इंडिया को दोनों सीनियर बल्लेबाजों का वर्कलोड सावधानी से मैनेज करना चाहिए।
अपने ही रिकॉर्ड टूटने पर अफ़रीदी का रिएक्शन
रोहित शर्मा हाल ही में वनडे क्रिकेट में सबसे ज़्यादा छक्के लगाने के मामले में अफ़रीदी को पीछे छोड़ चुके हैं।
अफ़रीदी ने कहा—
“रिकॉर्ड टूटने के लिए ही बनते हैं। खुशी है कि जिस खिलाड़ी को मैं पसंद करता हूं, उसने ये रिकॉर्ड तोड़ा।”
उन्होंने 2008 IPL सीज़न में रोहित के साथ अपने अनुभव को भी याद किया।
गंभीर–अफ़रीदी विवाद की पुरानी कहानी
यह विवाद नया नहीं है।
- 2007: कानपुर वनडे में दोनों के बीच टक्कर और बहस हुई।
- 2018–19: कश्मीर को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी नोंक-झोंक।
- 2019: अफ़रीदी की किताब में गंभीर को “साधारण खिलाड़ी” बताया गया, गंभीर ने पलट कर याद दिलाया—2007 T20 फ़ाइनल में गंभीर 75 रन, अफ़रीदी 0 पर आउट।
- 2020: मोदी पर अफ़रीदी की टिप्पणी से विवाद बढ़ा, गंभीर ने कड़ा जवाब दिया।
अफ़रीदी और गंभीर का यह पुराना विवाद उनकी हर नई टिप्पणी को सुर्खियों में ला देता है—और इस बार भी यही हुआ