रांची:
झारखंड सरकार ने 2025-26 खरीफ मौसम के लिए धान खरीद कार्यक्रम औपचारिक रूप से शुरू कर दिया है। राज्य के खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले मंत्री इरफ़ान अंसारी ने सोमवार को जमटारा जिले से इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस साल राज्य ने 7 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है, और इसे ₹2,450 प्रति क्विंटल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा।
किसानों के लिए ऐतिहासिक कदम
- झारखंड इस साल भारत का पहला राज्य बना है, जहाँ किसानों को धान बेचने के तुरंत बाद एक-बारगी भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में मिलेगा।
- पहले किसानों को भुगतान कई किस्तों में दिया जाता था, जिससे उन्हें आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ता था।
- मंत्री अंसारी ने कहा:
“हमने तय किया है कि अब भुगतान तुरंत किया जाएगा। किसानों को उनके धान बेचते ही राशि सीधे उनके खाते में मिलेगी।”
किसानों के लिए चेतावनी और निर्देश
- किसानों को निर्देश दिया गया है कि वे केवल अधिकृत सरकारी केंद्रों पर ही धान बेचें, ताकि किसी भी प्रकार के दलाल या ठगी से बचा जा सके।
- अधिकारियों और दलालों को कड़ी चेतावनी दी गई है:
“सुनिश्चित करें कि किसानों को अपने उत्पाद बेचने में कोई समस्या न हो। किसी भी स्तर पर ब्लैक मार्केटिंग या गलत तरीके पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।”
प्रदर्शन केंद्र और लक्ष्य
- राज्यभर में 763 धान खरीद केंद्र बनाए गए हैं।
- जमटारा जिले में इस बार 28 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं।
- जिले का लक्ष्य इस साल 2 लाख क्विंटल धान खरीदने का रखा गया है, और सभी किसानों को ₹2,450 प्रति क्विंटल की दर से 100% एक-बारगी भुगतान किया जाएगा।
सरकार का संदेश
मंत्री अंसारी ने किसानों से अपील की कि वे केवल अधिकृत केंद्रों पर धान बेचें और किसी भी प्रकार के दलाल के जाल में न फंसे। सरकार का उद्देश्य किसानों की आय और सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि उन्हें लाभकारी और पारदर्शी भुगतान प्रणाली मिल सके।