भारत में सर्दी सिर्फ तापमान गिरने का मौसम नहीं, बल्कि स्वाद, यादों और अपनापन का त्यौहार है। जैसे ही हवा में ठंडक घुलती है, देशभर के रसोईघरों में घी, गुड़ और मसालों की महक फैल जाती है। सर्दियों का मतलब है मौसमी सब्ज़ियों और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद — जो न सिर्फ स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि शरीर को ऊर्जा और गर्माहट भी देते हैं। पंजाब का सरसों का साग, राजस्थान की राब, दिल्ली की दौलत की चाट, लद्दाख का थुकपा और पूरे देश में पसंद किया जाने वाला गाजर का हलवा — ये सभी भारतीय सर्दियों की पहचान हैं।
1. सरसों का साग – पंजाब की सर्दियों का गर्व

पंजाब की ठंडी हवाओं में सरसों का साग का स्वाद ही कुछ और है। सरसों, बथुआ और पालक के पत्तों को धीमी आंच पर पकाकर बनाया गया यह साग न सिर्फ पोषक होता है बल्कि स्वाद में लाजवाब भी। ऊपर से घी की बूंदें, सफेद मक्खन और मक्के की रोटी का साथ — ये कॉम्बो हर पंजाबी घर की सर्दियों की पहचान है।
2. राब – राजस्थान की परंपरा से जुड़ी सेहतमंद डिश

रेगिस्तान की ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए राजस्थान में राब का सेवन किया जाता है। बाजरे के आटे, घी, गुड़ और अजवाइन से तैयार यह पेय गर्माहट और ताकत का स्रोत है। सुबह के समय पी जाने वाली राब को स्थानीय लोग “सर्दियों की औषधि” भी कहते हैं, क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
3. गाजर का हलवा – सर्दियों की मीठी शुरुआत

जैसे ही बाजार में लाल गाजरें आती हैं, भारतभर में “हलवा सीज़न” शुरू हो जाता है। दूध, घी, शक्कर और इलायची से तैयार यह मिठाई हर घर की यादों में बसी होती है। पंजाब से लेकर दिल्ली तक, गाजर का हलवा सर्द रातों में खुशी और अपनापन भर देता है — एक ऐसा स्वाद जो पीढ़ियों को जोड़ता है।
4. दौलत की चाट – दिल्ली की सुबह का जादू

पुरानी दिल्ली की गलियों में सर्दियों की सुबह “दौलत की चाट” के बिना अधूरी लगती है। दूध की मलाई, ओस की नमी औ र केसर की खुशबू से बनी यह डिश इतनी हल्की होती है कि जैसे बादल का स्वाद ले लिया हो। सुबह-सुबह यह मिठाई बिकती है और दोपहर तक गायब हो जाती है — एक पल में मिलने वाला स्वाद, जो हमेशा याद रह जाता है।
5. थुकपा – पहाड़ों का सूप, जो दिल तक गर्माहट पहुंचाए

लद्दाख और सिक्किम में जब बर्फ गिरती है, तब लोगों के किचन में थुकपा उबलता है। यह नूडल सूप सब्जियों, अदरक, लहसुन और हर्ब्स के साथ तैयार किया जाता है। एक कटोरा थुकपा न सिर्फ भूख मिटाता है, बल्कि ठिठुरती ठंड में शरीर को भीतर से गर्म कर देता है।
सर्दी का असली स्वाद रसोई में बसता है
भारत की सर्दी का असली जादू रजाई में नहीं, बल्कि रसोई में simmer होती कढ़ाइयों में है। हर राज्य की अपनी परंपरा, हर डिश की अपनी कहानी — ये सब मिलकर सर्दियों को खास बनाते हैं। तो इस बार हीटर की जगह थाली उठाइए और इन स्वादों को अपने दिल तक उतरने दीजिए।
कौन सी डिश आप सबसे पहले बनाना या ऑर्डर करना पसंद करेंगे — गाजर का हलवा या सरसों का साग?