दिल्ली के लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण धमाके में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। पुलिस और फोरेंसिक टीमों ने इनमें से 8 शवों की पहचान कर ली है, जबकि 2 शव अब भी अज्ञात हैं। यही दो लाशें अब जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा रहस्य बन गई हैं — क्योंकि आशंका जताई जा रही है कि ये शव आतंकियों के भी हो सकते हैं।
सोमवार शाम करीब 6:50 बजे एक कार में जोरदार धमाका हुआ था, जिससे आसपास खड़ी गाड़ियों में आग लग गई और इलाके में अफरा-तफरी मच गई। विस्फोट की ताकत इतनी अधिक थी कि कई शवों के टुकड़े सड़क पर बिखर गए। एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मौके से कई किलो विस्फोटक पदार्थ, तार, बैटरी और सर्किट बोर्ड बरामद किए हैं। जांच में यह धमाका फरिदाबाद मॉड्यूल और जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग से जुड़े नेटवर्क से लिंक होता दिख रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, जिन दो शवों की पहचान नहीं हो पाई है, वे कार के सबसे नजदीक पाए गए थे। एजेंसियां अब डीएनए टेस्ट के जरिए यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या ये दोनों लाशें किसी आतंकी की हैं या धमाके की चपेट में आए नागरिकों की। वहीं पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि “दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
फिलहाल एनआईए, दिल्ली पुलिस, यूपी एटीएस और फॉरेंसिक टीमें मिलकर इस पूरे केस की तहकीकात कर रही हैं। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, यह धमाका एक सुनियोजित आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकता है, जिसका मकसद दिल्ली में दहशत फैलाना था।