बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, राजनीतिक पार्टियों की रणनीतियाँ भी तेज होती जा रही हैं। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी दूसरी उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में कुल बारह नाम शामिल हैं, जिनमें सबसे प्रमुख नाम है लोकप्रिय लोकगायिका और सोशल मीडिया स्टार मैथिली ठाकुर का। पार्टी ने उन्हें अपने आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में चुना है। यह कदम बीजेपी की चुनावी रणनीति में एक नया मोड़ माना जा रहा है और इससे पार्टी को युवाओं और सांस्कृतिक रूप से जुड़े मतदाताओं तक पहुंचने में मदद मिलने की उम्मीद है।
मैथिली ठाकुर मूल रूप से बिहार के दरभंगा क्षेत्र से हैं और अपनी मधुर आवाज, लोकगीतों और भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए पूरे देश में जानी जाती हैं। उन्होंने टीवी रियलिटी शोज़, यूट्यूब और सोशल मीडिया के जरिए व्यापक पहचान बनाई है। उनके करोड़ों व्यूज़ और विशाल फैनबेस को देखते हुए पार्टी ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता बीजेपी के लिए रणनीतिक लाभ साबित हो सकती है।
हालांकि, पार्टी ने अभी तक आधिकारिक तौर पर सीट का नाम घोषित नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह सीट दरभंगा और मिथिलांचल क्षेत्र से संबंधित है। यह क्षेत्र सांस्कृतिक रूप से मैथिली भाषा का केंद्र है और स्थानीय मतदाताओं में मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता को देखते हुए यह कदम बीजेपी की सोच को दर्शाता है। यदि उन्हें यहां टिकट मिलता है, तो चुनावी समीकरण में यह बदलाव ला सकता है।
बीजेपी की दूसरी लिस्ट पहले लिस्ट की तुलना में युवाओं, महिलाओं और लोकप्रिय हस्तियों के प्रतिनिधित्व पर अधिक ध्यान देती है। पहली लिस्ट में पारंपरिक नेताओं को प्राथमिकता दी गई थी, जबकि दूसरी लिस्ट में पार्टी ने नई रणनीति अपनाते हुए युवाओं और स्थानीय पहचान वाले नेताओं को मौका दिया है। इस सूची में मौजूदा विधायकों को भी दोबारा मौका मिला है और कुछ नई एंट्री की गई हैं।
बीजेपी इस रणनीति के जरिए यह संदेश देना चाहती है कि वह सिर्फ पारंपरिक राजनीति पर निर्भर नहीं है, बल्कि युवा मतदाताओं और सोशल मीडिया प्रभावितों को भी महत्व देती है। मैथिली ठाकुर इन तीनों क्षेत्रों में प्रभावशाली हैं। उनका सांस्कृतिक जुड़ाव, युवा और साफ छवि तथा सोशल मीडिया पर बड़ी मौजूदगी उन्हें चुनावी क्षेत्र में खास बनाती है।
विपक्ष इस कदम को स्टार पावर पर निर्भरता के रूप में देख सकता है। राजद और कांग्रेस जैसी पार्टियों से उम्मीद की जा रही है कि वे इस सीट पर मजबूत स्थानीय उम्मीदवार उतारेंगे। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि मैथिली ठाकुर के लिए मुकाबला आसान नहीं होगा, क्योंकि उनके पास भावनात्मक समर्थन भी है और जनता में उनके प्रति गहरा लगाव मौजूद है।
जैसे ही बीजेपी की लिस्ट सामने आई, सोशल मीडिया पर इसका व्यापक असर देखा गया। फैंस ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और कई लोगों ने पार्टी के इस फैसले की सराहना की। हालांकि कुछ लोग सवाल भी उठा रहे हैं कि क्या लोकप्रियता ही पर्याप्त है। कुल मिलाकर प्रतिक्रिया अधिकतर सकारात्मक रही।
मैथिली ठाकुर की राजनीतिक एंट्री अब एक नया अध्याय है। लोकगायिका से नेता बनने का सफर आसान नहीं है। इसके लिए जनता से जुड़ाव, क्षेत्रीय समस्याओं की समझ और संगठनात्मक समर्थन भी महत्वपूर्ण होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पार्टी उन्हें मजबूत मार्गदर्शन और समर्थन दे, तो वह सांस्कृतिक आइकन से जनप्रतिनिधि बन सकती हैं।
आगे की दिशा में बीजेपी जल्द ही तीसरी और अंतिम लिस्ट भी जारी कर सकती है। मैथिली ठाकुर अपने क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान शुरू करेंगी और विपक्ष किसे उतारता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
बीजेपी की इस दूसरी लिस्ट ने बिहार चुनाव में नया मोड़ ला दिया है। मैथिली ठाकुर को टिकट मिलना सिर्फ एक नाम का ऐलान नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि पार्टी युवा, लोकप्रिय और सांस्कृतिक पहचान वाले चेहरों को आगे लाना चाहती है। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि वे चुनावी मैदान में कितनी मजबूती से उतरती हैं और जनता उन्हें कितना समर्थन देती है।