
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हालात एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस को कड़ा अल्टीमेटम देते हुए आरोप लगाया है कि कुछ ताकतें धर्म को ढाल बनाकर भीड़ को उकसाने की कोशिश कर रही हैं, जिससे देश में अराजकता फैल रही है। छात्रों का कहना है कि अगर सरकार ने समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
छात्र नेताओं के मुताबिक, हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं और भीड़ हमलों ने बांग्लादेश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ढाका यूनिवर्सिटी के विभिन्न छात्र संगठनों ने कैंपस से लेकर सड़कों तक विरोध मार्च निकाला और सरकार से दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की। छात्रों का आरोप है कि राजनीतिक संरक्षण में कुछ कट्टरपंथी तत्व सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इस विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में छात्र नेता उस्मान हादी की 18 दिसंबर को हुई मौत को एक बड़ी वजह माना जा रहा है। छात्रों का दावा है कि हादी की मौत भी भीड़ हिंसा से जुड़ी हुई है और अब तक जिम्मेदार लोगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसी को लेकर छात्रों में गहरा रोष है और वे न्याय की मांग पर अड़े हुए हैं।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने यूनुस सरकार को चेतावनी दी है कि अगर हत्याओं, भीड़ हिंसा और धार्मिक उकसावे के मामलों में दोषियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। छात्रों का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर बांग्लादेश को कट्टरता और हिंसा की राह पर नहीं जाने देंगे।
फिलहाल ढाका समेत कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, लेकिन छात्र संगठनों का साफ कहना है कि सिर्फ सुरक्षा इंतजाम नहीं, बल्कि **राजनीतिक इच्छाशक्ति और निष्पक्ष कार्रवाई ही देश में शांति बहाल कर सकती है।