
अमेरिका में लंबे समय से चर्चा में रहे जेफ़्री एप्स्टीन केस को लेकर बड़ा फैसला सामने आया है। कांग्रेस के दोनों सदनों ने वह बिल पास कर दिया है, जिसके तहत न्याय विभाग को एप्स्टीन से जुड़े दस्तावेज़ सार्वजनिक करने होंगे। प्रतिनिधि सभा में यह बिल 427-1 के अत्यधिक बड़े अंतर से पास हुआ, जबकि सीनेट ने बिना किसी औपचारिक वोट के ही इसे मंजूरी दे दी। यह सब तब हुआ जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक अपना रुख बदलते हुए फाइलों के खुलासे का समर्थन कर दिया। कुछ दिन पहले तक वे इस कदम के खिलाफ थे, लेकिन समर्थकों के दबाव के बाद उन्होंने साफ कहा कि “छिपाने जैसा कुछ नहीं है”।
बिल के अनुसार, अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को 30 दिनों के भीतर एप्स्टीन और उसकी सहयोगी गिसलेन मैक्सवेल से जुड़े सभी गैर-गोपनीय रिकॉर्ड, जांच रिपोर्ट, फ्लाइट लॉग और आंतरिक दस्तावेज़ सार्वजनिक करने होंगे। हालांकि, ऐसी जानकारी रोकी जा सकती है जिससे किसी सक्रिय जांच पर असर पड़े या पीड़ितों की पहचान सामने आने का खतरा हो। एकमात्र विरोध लुइज़ियाना के रिपब्लिकन सांसद क्ले हिगिंस की तरफ से आया, जिन्होंने कहा कि इन फाइलों के जारी होने से “निर्दोष लोगों को नुकसान पहुंच सकता है”।
इस मामले ने अमेरिकी राजनीति में खासी हलचल मचा रखी है, खासकर तब से जब हाल ही में 20,000 से ज्यादा पन्नों के दस्तावेज़ सामने आए और उनमें कुछ जगह ट्रंप का भी जिक्र मिला। व्हाइट हाउस ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें “राजनीतिक रूप से ली गई व्याख्या” बताया है। दूसरी ओर, कई पीड़ितों और सांसदों का कहना है कि फाइलें अब सार्वजनिक होना जरूरी है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
एप्स्टीन, जो 2019 में जेल में मृत पाया गया था, पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और तस्करी के गंभीर आरोप थे। वर्षों की जांच में बड़ी मात्रा में दस्तावेज़ इकट्ठे किए गए थे। अब जब कांग्रेस ने फाइलें जारी करने का रास्ता साफ कर दिया है, अंतिम फैसला राष्ट्रपति ट्रंप को करना है। उम्मीद है कि वे जल्द ही बिल पर हस्ताक्षर कर देंगे, जिसके बाद यह मामला एक नए चरण में प्रवेश करेगा।