कोलकाता।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में शनिवार को भगवद् गीता का विशाल सामूहिक पाठ आयोजित हुआ, जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए। आयोजकों के अनुसार लगभग पांच लाख श्रद्धालुओं ने एक साथ गीता के श्लोकों का पाठ किया। कार्यक्रम में बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस, योग गुरु बाबा रामदेव और बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी मौजूद रहे। कई अन्य साधु-संतों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
इस आयोजन की टाइमिंग को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है, क्योंकि एक दिन पहले ही मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद के मॉडल पर आधारित एक मस्जिद की आधारशिला रखी गई थी।
कोलकाता में गीता पाठ का विशाल आयोजन
गीता के पहले, नौवें और अठारहवें अध्याय का सामूहिक पाठ किया गया। मैदान श्रद्धालुओं से खचाखच भरा था और पूरा माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा नजर आया।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि जब युवा पीढ़ी गीता के मूल्यों को अपनाने के लिए आगे आती है, तो यह देश के लिए गर्व की बात है।
धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान
आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि कोलकाता में उमड़ी अपार भीड़ देखकर लगा जैसे यहां किसी महाकुंभ का आयोजन हो रहा हो। उन्होंने कहा:
“सनातन एकता ही देश और दुनिया में शांति का सबसे बड़ा माध्यम है। भारत में हम सनातनी चाहते हैं, तनातनी नहीं। हमारा देश गजवा-ए-हिंद नहीं, भगवा-ए-हिंद चाहता है।”
बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने पर उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति अपनी आस्था के अनुसार चल सकता है, लेकिन भगवान राम पर टिप्पणी करना स्वीकार्य नहीं है।
एक दिन पहले रखी गई थी बाबरी मस्जिद की नींव
गीता पाठ के ठीक एक दिन पहले बेलडांगा में टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद के मॉडल पर आधारित एक मस्जिद की नींव रखी थी। उस कार्यक्रम में चार लाख लोगों के शामिल होने का दावा किया गया। पूरे इलाके में भारी पुलिस, RAF और केंद्रीय बलों की तैनाती की गई थी।
कार्यक्रम के दौरान कबीर ने कहा कि उपासना स्थल बनाना उनका संवैधानिक अधिकार है और इसमें किसी तरह की गैरकानूनी बात नहीं है।
कार्यक्रम में कई लोग ईंटें सिर पर रखकर प्रतीकात्मक रूप से मस्जिद निर्माण का समर्थन करने पहुंचे थे।