रूस दौरे पर पहुंचे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने मॉस्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात के दौरान एक दिलचस्प टिप्पणी करते हुए कहा—
“सिर्फ़ भारत ही वो देश नहीं होना चाहिए जहाँ आप जाएँ.”
दरअसल, सुबियांतो ने पुतिन को 2026 या 2027 में इंडोनेशिया आने का निमंत्रण दिया और मज़ाकिया अंदाज़ में कहा कि रूस को सिर्फ़ भारत ही नहीं, बल्कि इंडोनेशिया जैसे बड़े साझेदार देशों को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। उनकी इस टिप्पणी पर पुतिन मुस्कुरा दिए।
पुतिन का हालिया भारत दौरा था चर्चा में

4–5 दिसंबर को पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर थे, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
दोनों देशों के बीच मीडिया, स्पेस और फ़ार्मा सेक्टर समेत लगभग एक दर्जन समझौते हुए।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस यात्रा को लेकर खासा उत्साह देखा गया।
इंडोनेशिया–रूस रिश्तों को नई दिशा
राष्ट्रपति सुबियांतो इस साल दूसरी बार रूस पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच—
- सैन्य सहयोग
- व्यापार
- ऊर्जा, खासकर परमाणु ऊर्जा
जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विस्तार से बातचीत हुई।
पुतिन ने इंडोनेशिया के साथ बढ़ते रक्षा संबंधों की सराहना की और कहा कि रूस परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में भी सहयोग को तैयार है।
क्यों बढ़ रहा है रूस का ग्लोबल साउथ फोकस?
यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बीच रूस एशिया, अफ्रीका और ग्लोबल साउथ देशों के साथ अपने संबंध मजबूत कर रहा है। चीन, भारत और इंडोनेशिया जैसे देशों के साथ करीबी रिश्ते रूस की आर्थिक और सामरिक रणनीति का अहम हिस्सा बन चुके हैं।
सुबियांतो का संदेश साफ़
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति का बयान हल्की मुस्कान के साथ दिया गया मज़ाक जरूर था, लेकिन इसके पीछे कूटनीतिक संदेश भी था—
रूस को सिर्फ़ भारत ही नहीं, बल्कि इंडोनेशिया को भी उतनी ही प्राथमिकता देनी चाहिए।